नई दिल्ली। इस बार मोदी सरकार के द्वारा वर्ष 2017-18 का केन्द्रीय बजट एक फरवरी को पेश किया जाएगा। केन्द्रीय वित्त मंत्रालय ने हलवा सेरेमनी मनाने के साथ ही बजट छपाई का कार्य शुरू करा दिया। बजट छपाई का कार्य शुरू होने के साथ ही प्रिटिंग प्रेस के सभी कर्मचारियों सहित इस प्रक्रिया से जुड़े करीब 100 अधिकारियों को बजट पेश होने तक नजरबंद हो जाएंगे। बजट से जुड़े सभी अधिकारी व कर्मचारी प्रिटिंग प्रेस व नार्थ ब्लॉक से बाहर नहीं निकल सकेंगे। ताकि बजट पेश होने से पहले प्रस्तावित प्रावधान व डाटा लीक न हो जाए। इन अधिकारियों व कर्मचारियों की सुरक्षा भी उच्च स्तर पर आईबी, दिल्ली पुलिस व सीआईएसएफ करती है। एनडीए सरकार द्वारा पेश होने वाला यह तीसरा बजट होगा। वित्त मंत्रालय बजट का प्रारुप तैयार कर उसकी फाइनल प्रिंटिंग के लिए प्रेस में भेजता है। जहां उसकी छपाई से पहले ही हलवा बनाने की रस्म पूरी की जाती है। कहा जाता है कि खुद वित्त मंत्री एक बड़ी कढ़ाई में हलवा तैयार करते हैं। सभी अधिकारी बजट का अंतिम काम शुरू होने पहले इस रस्म को उत्सव के तौर पर मानते हैं। हलवा सेरेमनी बजट दस्तावेजों की छपाई से पहले की परम्परा व एक रस्म है। इसमें वित्त मंत्री बजट से जुड़े सभी लोगों को हलवा बांटते हैं। यह परम्परा काफी समय से मनाई जाती रही है। हलवा बंट जाने के बाद वित्त मंत्रालय के अधिकारी और कर्मचारी वित्त मंत्रालय में होने के बाद भी समूची दुनिया से कट जाते हैं। लोकसभा में वित्त मंत्री द्वारा बजट पेश किए जाने तक ये कर्मचारी अपने परिवार से फोन पर भी संपर्क नहीं कर सकेंगे। मिली जानकारी के अनुसार उनके पास केवल एक फोन होता है। जिसके जरिए वे केवल फोन रिसीव कर सकते हैं। मगर कहीं कॉल नहीं कर सकते। ऐसा बजट तैयार करने की प्रक्रिया की गोपनियता को बरकरार रखने के लिए किया जाता है। क्योंकि बजट किसी भी सरकार का एक गोपनीय व महत्वपूर्ण दस्तावेज होता है। अपने इस रस्म के बाद मंत्रालय के अति विशिष्ठ अधिकारियों को ही अपने घर जाने की अनुमति मिलती है।

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