नई दिल्ली। 1947 में विभाजन के बाद पाकिस्तान गए लोगों की सम्पत्तियों पर अब उनका मालिकाना हक नहीं होगा और ना ही वे ऐसी किसी सम्पत्तियों को बेच सकेंगे। इस तरह की तमाम सम्पत्तियां भारत सरकार की होगी। इन सम्पत्तियों के विवाद खत्म करने और मालिकाना हक सरकारी करने के लिए बनाए गए शत्रु संशोधन विधेयक को लोकसभा में भी मंजूरी मिल गई है। राज्यसभा में पहले से ही यह विधेयक पास हो चुका है। देश में हजारों ऐसी सम्पत्तियां हैं, जो विवादों में है। अब इन सभी सम्पत्तियों का मालिकाना हक सरकार का होगा। सरकार अब इन सम्पत्तियों पर कब्जा लेगी। सबसे ज्यादा ऐसी सम्पत्तियां यूपी में बताई जाती है। यहां करीब पन्द्रह सौ शत्रु सम्पत्तियां हैं। एक अनुमान के मुताबिक देश में करीब 2168 शत्रु सम्पत्तियां हैं। इनमें कई राजा-नबावों, जागीरदारों और बिजनेसमैनों की कोठियां, किले-महल, खेत और मकान हैं। इन सभी सम्पत्तियों पर सरकार का कब्जा होगा। इतनी सम्पत्तियां आने से ना केवल कई विभागों को सरकारी कार्यालय मिल जाएंगे, बल्कि स्कूल-कॉलेज, अस्पताल भी खुल सकेंगे।
– एक लाख करोड़ से अधिक है सम्पत्तियां
भारत सरकार के मुताबिक देश में करीब एक लाख करोड़ रुपए से भी अधिक शत्रु सम्पत्तियां हैं। इनमें किले-महल-हवेलियां-खेत-खलिहान और भवन है। बहुत सी इमारतों को किराये पर दे रखा है। इन्हें खाली कराना अब ढेडी खीर रहेगी। गौरतलब है कि विभाजन से पहले और बाद में बहुत से परिवार पाकिस्तान, चीन और दूसरे देशों में चले गए थे। लेकिन इन्होंने भारत में मौजूद अपनी सम्पत्तियों का मालिकाना हक नहीं छोड़ा था।

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