Kalpesh Yagnik, dies, passion, passion, emotional, journalist, dainik bhaskar
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जयपुर। दैनिक भास्कर के समूह संपादक कल्पेश याग्निक नहीं रहे। कल रात इंदौर आॅफिस में काम के दौरान उन्हें दिल का दौरा पड़ा। तत्काल उन्हें बॉम्बे अस्पताल ले जाया गया। करीब साढ़े तीन घंटे तक उनका इलाज चला, लेकिन तमाम प्रयासों के बाद भी उनकी स्थिति में सुधार नहीं हुआ। रात करीब 2 बजे डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।

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21 जून 1963 को जन्मे कल्पेश याग्निक प्रखर वक्ता और देश के विख्यात पत्रकार थे। वे पैनी लेखनी के लिए जाने जाते थे। देश और समाज में चल रहे संवेदनशील मुद्दों पर बेबाक और निष्पक्ष लिखते थे। उनके लेख जोश, जुनून और जज्बा पैदा करने वाले होते थे और समाज की बुराइयों पर तीखे तेवरों से प्रहार करते थे। दैनिक भास्कर में उनका कॉलम असंभव के विरुद्ध देशभर में चर्चित था।

याग्निक जयपुर के दैनिक भास्कर संस्करण में स्थानीय संपादक भी रहे थे। याग्निक का अंतिम संस्कार इंदौर के तिलक नगर मुक्तिधाम में किया गया। अंतिम यात्रा में सैकड़ों लोग शामिल हुए। मूलत: राजस्थान के बांसवाड़ा जिले के रहने वाले याग्निक के निधन का समाचार मिलते ही पत्रकारिता जगत में शोक की लहर दौड़ गई। प्रदेश के विभिन्न राजनीतिक, सामाजिक और पत्रकार संगठनों से जुड़े लोगों ने उनके निधन पर दु:ख व्यक्त करते हुए पत्रकारिता जगत के लिए अपूर्ण क्षति बताया।

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