जयपुर। अतिरिक्त मुख्य सचिव ऊर्जा डॉ. सुबोध अग्रवाल ने बतया है कि अब प्रदेश के किसानों को कुसुम योजना के कंपोनेंट ए के तहत बंजर व बेकार भूमि पर आधा किलोवाट से 2 मेगावाट तक के सोलर प्लांट लगाने के लिए बैंकों से बिना कोलेटरल सिक्योरिटी के भी ऋण मिल सकेगा। उन्होंने बताया कि कुसुम ए योजना के क्रियान्वयन में समूचे देश में राजस्थान पहले स्थान पर होने के बावजूद बैंकों से ऋण मिलने में आ रही दिक्कतों के कारण यह योजना अधिक गति नहीं पकड़ पा रही थी।
डॉ. सुबोध अग्रवाल ने शुक्रवार को यहां विद्युत भवन में तीनों डिस्काम्स, ऊर्जा विकास निगम, अक्षय ऊर्जा निगम, बागवानी विभाग और बैंकों के शीर्ष अधिकारियों के साथ बैठक में यह निर्णय लिया। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत इस योजना के क्रियान्वयन को लेकर काफी गंभीर रहे हैं और किसानों को इस योजना में आसानी से वित्त पोषण के लिए केन्द्र सरकार से भी आग्रह कर चुके हैं। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री श्री गहलोत के निर्देश और प्रदेश के किसानों के हित में सीधे बैंकों से संवाद कायम किया गया और योजना के विभिन्न बिन्दुओं पर विस्तार से चर्चा और किसानों का पक्ष प्रभावी तरीके से रखने का परिणाम रहा है कि बैंकों ने बिना कोलेटरल सिक्योरिटी के ऋण देने पर सहमति व्यक्त कर दी है।

एसीएस डॉ. अग्रवाल ने बताया कि प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाअभियान कुसुम योजना तीन कंपोनेंट मेंं संचालित हो रही है। इसमें ए कंपोनेंट में राजस्थान विद्युत वितरण निगमों के 33/11 केवी सबस्टेशन के 5 किलोमीटर दायरें में किसानों/विकासकर्ताआें की बंजर व अनुपयोगी भूमि पर आधा किलोवाट से लेकर 2 मेगावाट क्षमता के सोलर ऊर्जा संयत्रों की स्थापना कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि इन सोलर सयंत्रों पर उत्पादित बिजली को 3 रुपए 14 पैसे की दर पर 25 साल तक खरीद की जाएगी। उन्होंने बताया कि इस आशय का पीपीए हस्ताक्षरित किया जाता है जिससे सोलर ऊर्जा उत्पादनकर्ता किसान की बिजली 25 साल तक खरीद की व्यवस्था भी सुनिश्चित हो जाती है। उन्होंने बताया कि एस्क्रो व्यवस्था के तहत बैंकों के ऋण की किस्त डिस्काम्स द्वारा सीधे बैंकोें में काश्तकारों के खातों में जमा हो सकेगी और शेष राशि काश्तकार के खाते में जमा हो जाएगी।

डॉ. अग्रवाल ने बताया कि अभी तक इस योजना में प्रदेश में 11 संयत्र स्थापित हो चुके हैं। अक्षय ऊर्जा निगम के पास 722 मेगावाट क्षमता स्थापना के 623 आवेदन प्राप्त हो चुके हैं। उन्होंने बताया कि केनरा बैंक ने बैठक में सहमति प्रदान करने के साथ ही एयू बैंक, एसबीआई आदि ने भी करीब करीब सहमति दे दी है। उन्होेंने बताया कि इससे प्रदेश में केन्द्र सरकार की इस योजना में और अधिक तेजी से काम हो सकेगा।
आयुक्त बागवानी अभिमन्यु कुमार, संयुक्त सचिव एनर्जी आलोक रंजन, एमडी जयपुर डिस्काम नवीन अरोड़ा आदि ने विस्तार से योजना के क्रियान्वयन पर जानकारी दी। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार की पहल पर बैंकोें की सहमति से यह योजना तेज गति से क्रियान्वित हो सकेगी। योजना का क्रियान्वयन राजस्थान अक्षय ऊर्जा निगम द्वारा किया जा रहा है।
इस अवसर पर केनरा बैंक के डीजीएम अरुण कुमार आर्य ने विश्वास दिलाया कि बैंक द्वारा बिना कोलेटरल सिक्योरिटी के ऋण वितरित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस योजना में ऋण की ब्याज दर को भी कम करने के प्रयास किए जाएंगे। बैठक में एसबीआई के विजय कुमार, राकेश सिंह, पीएनबी के सीएम जाट, बैंक ऑफ इण्डिया के जितेन्द्र मीणा, एसडीएफसी के लखन तिवारी, बैंक ऑफ बडौदा के जयेश सिंघवी, एयू बैंक के अमित माथुर व नुपूर बाडिया एवं यूको बैंक सहित अन्य बैंकों के वरिष्ठ अधिकारियों ने हिस्सा लिया।

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