नई दिल्ली। निठारी कांड के आरोपियों मोनिंदर सिंह पंढेर और उसके घरेलू सहायक सुरेंद्र कोली को सीबीआई की विशेष अदालत ने फांसी की सजा सुनाई दी। मामले में मुख्य आरोपी सुरेन्द्र कोली नन्हीं बच्चियों के प्रति बेरहम और दरिंदा था। वह न केवल बच्चियों के साथ दरिंदगी करता वरन उनकी हत्या करने के बाद उनके शवों के साथ दुष्कर्म करता।

पुलिस अधिकारी ने बताया कि मोनिंदर पंढेर की कोठी में अक्सर कॉलगर्ल आया करती थीं। उनके लिए खाने पीने की व्यवस्था घरेलू नौकर सुरेंद्र कोली ही करता था। सुरेंद्र उनसे नजदीकी बढ़ाना चाहता था, लेकिन नौकर होने की वजह से कामयाब नहीं मिल पाई। इसी के चलते वह धीरे-धीरे नेक्रोफीलिया नामक मानसिक बीमारी से ग्रस्त होता गया। जिससे वह छोटे बच्चों के प्रति सैक्सचुअली अट्रेक्ट होने लगा। शाम को जब सन्नाटा छा जाता तो वह कोठी के समीप से गुजरने वाली बालिकाओं को पकड़ लेता और उनका मुंह बांधकर दुष्कर्म करता।

इतना ही नहीं वह उनकी हत्या करने के बाद शव के साथ भी दुष्कर्म करता था। चिकित्सकों का कहना है कि यह बीमारी 10 लाख लोगों में से किसी एक में होती है। जो की एक रियर डिजीज में ही मिलती है।

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