जयपुर। लगभग दस साल के इन्तजार के बाद अब सरकार को सुध आई कि चांदपोल में यातायात की व्यवस्था को सुचारू रूप से चलाने के लिए यहां पार्किंग की अति आवश्यकता है। इसलिए सरकार ने अपनी पुरानी घोषणा को फिर से दोहराते हुए कहा कि चांदपोल अनाजमंडी में तीन सतहों की पार्किंग बनाई जाएगी जिसमें 800 के करीब वाहन खड़े हो सकेंगे। यहां ध्यान देने वाली बात यह है कि सरकार ने इस पार्किंग के लिए इतने वर्ष क्यों लगा दिए जबकि सरकार ने अनाजमंडी के दुकानदारों को यहां से दुकान हटाने की एवज में कूकरखेड़ा अनाज मण्डी में जमीन आवंटन कर दी थी। और वहां दुकाने बनकर तैयार होने के बाद मण्डी का कार्य सुचारू रूप से चलते हुए भी कई वर्ष बीत गए मगर अब तक चांदपोल अनाजमंडी के दुकानदार अपनी दुकानें नहीं छोड़ रहे हैं और ना ही सरकार इसमें कोई दिलचस्पी दिखा रही है जबकि इस पार्किंग प्रोजेक्ट की घोषणा को दस साल हो गए हैं इसके बाद तो सरकार ने शहर में मैटÓो प्रोजेक्ट लाकर उसे शुरु भी कर दिया। मगर चांदपोल अनाज मण्डी का पार्किंग प्रोजेक्ट दस साल बाद भी वहीं का वहीं है अब सरकार की तरफ से कहा जा रहा है कि यहां पर तीन सतहों में पार्किंग बनेगी जिसमें 800 वाहन खड़े होंगे। इस पार्किंग के निर्माण में लगभग 15 करोड़ रुपए का खर्चा आएगा। और इसकी निविदा एक अगस्त को निकाली जाएगी। सवाल यह है कि अनाज मण्डी के व्यापारी स्वेच्छा से अपनी दुकानें सरकार को दे देंगे या सरकार को इसके लिए स ती करनी पड़ेगी। क्योंकि व्यापारी यहां पर सालों से अपना व्यापार कर रहे हैं और उनकी दुकानें यहां पर जमी हुई है ऐसे में उन्हें अपने व्यापार के चौपट हो जाने का खतरा है लिहाजा वे चाहते हैं कि किसी भी तरह से वे यहां से अपना व्यापार चलाते रहे। मगर सरकार भी यातायात के बढ़ते दबाव को देखते हुए इस पार्किंग प्रोजेक्ट को अमलीजामा पहनाने की पूरी तैयारी में है।

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