– गहलोत राज के फैसलों के रिव्यू के लिए बनी कैबिनेट सब कमेटी की बैठक में 16 विभागों के मामलों पर चर्चा की
जयपुर. भजनलाल सरकार ने गहलोत सरकार में किए गए 200 से ज्यादा बड़े फैसलों और विवादित टेंडरों की जांच शुरू कर दी है। गहलोत राज के फैसलों के रिव्यू के लिए बनी कैबिनेट सब कमेटी की बैठक में मंगलवार को 16 विभागों के मामलों पर चर्चा की है। स्वास्थ्य मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट सब कमेटी की बैठक में यह तय हुआ है कि अब हर विभाग के मंत्री और प्रमुख सचिव गहलोत राज के फैसलों की अपने स्तर पर जांच करेंगे। मंत्री और प्रमुख सचिव के स्तर पर स्क्रूटनी होने के बाद कैबिनेट सब कमेटी को फाइनल फैसले के लिए मामले भेजे जाएंगे। खींवसर ने बैठक के बाद मीडिया से कहा कि अलग-अलग विभाग के मामलों पर चर्चा की है। जिस विभाग से संबंधित मामला है, उस विभाग के मंत्री और प्रमुख सचिव पहले उसकी स्क्रूटनी करेंगे। फिर कमेटी के पास दोबारा भेजेंगे। आज 16 अलग-अलग मामलों पर चर्चा हुई है। उन पर निर्णय लेने से पहले और भी जांच करेंगे। उस विभाग के मंत्री और सचिव तय करेंगे। सबसे ज्यादा यूडीएच के 40 मामले आए हैं। विधि, खेल, कला और पीडब्ल्यूडी के मामलों पर भी चर्चा हुई है। गहलोत राज के फैसलों की जांच के लिए बनाई कमेटी की हर मंगलवार को बैठक होगी। इन बैठकों में गहलोत सरकार के फैसलों का विभागवार रिव्यू करके उन्हें बदलने या जारी रखने पर फैसला होगा। गहलोत सरकार के पिछले बजट में की गई सभी घोषणाएं रिव्यू के दायरे में आ गई हैं। महिलाओं को फ्री मोबाइल देने की योजना को कमेटी बंद करने की राय दे सकती है। फिलहाल इस योजना की जांच और रिव्यू का काम चल रहा है। फ्री राशन किट योजना पर भी फिर से विचार होगा। फ्री स्कूल ड्रेस बांटने की योजना का भी स्ट्रक्चर बदलना तय माना जा रहा है। गहलोत सरकार के दौरान हर विभाग में हुए सभी बड़े टेंडरों की छानबीन का काम शुरू हो गया है। पीडब्ल्यूडी, जलदाय, बिजली, महिला बाल विकास, आईटी विभाग के सभी बड़े टेंडरों की जांच शुरू हो गई है। पहले हर मंत्री और प्रमुख सचिव अपने स्तर पर विवादित टेंडरों की जांच करेंगे। इसके बाद कमेटी उन पर आगे एक्शन लेने की सिफारिश अपनी रिपोर्ट में करेगी। गहलोत राज के आखिरी छह महीने में शुरू की गई लोकलुभावन योजनाओं को बंद करने या जारी रखने को लेकर कैबिनेट सब कमेटी अपनी सिफारिशों के साथ रिपोर्ट तैयार करेगी। इस कमेटी की रिपोर्ट को कैबिनेट में रखा जाएगा। कैबिनेट में उन सिफारिशों पर मंजूरी मिलेगी, उसके बाद गहलोत राज की योजनाओं पर फाइनल फैसला होगा। गहलोत की जिन योजनाओं में बीजेपी ने घोटालों के आरोप लगाकर चुनावी मुद‌्दा बनाया था। उन पर जांच होना तय माना जा रहा है। जल जीवन मिशन के टेंडर इसके दायरे में आएंगे। जल जीवन मिशन की गड़बड़ियों की ईडी भी जांच कर रही है। अब कई स्थानीय स्तर के ठेके भी जांच के दायरे में हैं। भजनलाल सरकार ने आते ही सभी विभागों में नए टेंडरों और वर्क ऑर्डर जारी करने पर रोक लगा दी थी। कुछ जरूरी टेंडरों और वर्क ऑर्डर जारी करने पर भी मुख्यमंत्री से मंजूरी लेनी होगी। कैबिनेट सब कमेटी गहलोत राज में सरकारी टेंडरों की तय बीएसआर रेट से ज्यादा पर हुए एक करोड़ से ज्यादा के सभी टेंडरों की जांच कर रही है। नए टेंडरों और वर्क ऑर्डर जारी करने पर रोक के पीछे भी यही कारण है। पीडब्ल्यूडी में उन योजनाओं के टेंडरों और वर्क ऑर्डर पर पिछले दिनों रोक हटाई थी, जो केंद्र सरकार की योजनाओं के हैं। बाकी सभी विभागों में रोक बरकरार है।

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