नई दिल्ली : उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने कहा कि कृषि को और अधिक व्यवहार्य बनाना राष्ट्र के लिए एक चुनौती है तथा किसानों की खुदकुशियों का राजनीतिकरण करने से मुद्दे का समाधान करने में मदद नहीं मिलेगी। प्रतिष्ठित कृषि वैज्ञानिक एम एस स्वामीनाथन को ‘येररिगनार पुरस्कार’ प्रदान करते हुये नायडू ने कहा कि कृषि विश्वविद्यालयों और वैज्ञानिकों को कृषि उत्पाद बढ़ाने तथा खेती की विविधता पर ध्यान केन्द्रित करना चाहिए।
उन्होंने बताया, ‘‘हम खुदकुशी के बारे में सुनते हैं और लोग इसे राजनीतिक (मुद्दे) बनाने का प्रयास करते हैं… इस सरकार या उस सरकार की ओर इशारा करते हैं।’’ नायडू ने कहा कि राजनीतिक नेतृत्व और वैज्ञानिकों सहित पूरे देश को कृषि को मजबूत बनाने और इसे बनाए रखने के लिए तरीकों के बारे में विचार करना करना चाहिए। उन्होंने कहा कि समय की दरकार है कि मत्स्य पालन, रेशम उत्पादन, मुर्गी पालन और डेयरी एवं खाद्य प्रसंस्करण जैसे विविधताओं को अपनाया जाए। उन्होंने स्वामीनाथन के योगदान की सराहना करते हुए कृषि में सरकारी निवेश बढ़ाने की जरूरत पर बल दिया।