-पीएम मोदी आज राजधानी अबु धाबी में देश के पहले हिंदू मंदिर का उद्घाटन करेंगे
यूएई. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार को यूएई पहुंच गए। यहां उनका स्वागत गार्ड ऑफ ऑनर के साथ हुआ। यूएई के राष्ट्रपति मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान ने मोदी को गले लगाया। सेरेमोनियल वेलकम के बाद दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय बैठक की। इसके बाद प्रधानमंत्री ‘अहलन मोदी’ (हेलो मोदी) कार्यक्रम में यूएई में रह रहे भारतीय समुदाय के करीब 65 हजार लोगों को संबोधित भी करेंगे।  मोदी 14 फरवरी को राजधानी अबु धाबी में देश के पहले हिंदू मंदिर का उद्घाटन करेंगे। 2014 में प्रधानमंत्री बनने के बाद यह पीएम मोदी का 7वां यूएई दौरा है। वे पीएम के तौर पर पहली बार अगस्त 2015 में यूएई गए थे। उन्होंने 2018 और 2019 में भी यूएई का दौरा किया था। 2019 में यूएई सरकार ने मोदी को देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘ऑर्डर ऑफ जाएद’ से नवाजा था। मोदी जून 2022 और जुलाई 2023 में दुबई गए थे। इस दौरान राष्ट्रपति अल नाहयान ने उन्हें फ्रेंडशिप बैंड भी बांधा था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यूएई पहुंचने के बाद राष्ट्रपति अल नाहयान के साथ वहां यूपीआई और रूपे कार्ड लॉन्च किया। मोदी ने नाहयान के साथ रूपे कार्ड से पेमेंट भी की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दौरे पर भारत और यूएई के बीच पोर्ट्स, फिनटैक और कई सेक्टर्स में अहम समझौते होंगे। मोदी और अल नाहयान की द्विपक्षीय चर्चा के बाद दोनों देशों में एमओयूएस एक्सचेंज हुए। मोदी ने यूएई पहुंचने के बाद कहा कि मुझे 7 सार बार यहां आने का मौका मिला। यहां आने के बाद लगता है कि अपने घर अपने परिवार के बीच आया हूं। मोदी ने कहा कि मैं आपका आभारी हूं कि आप समय निकालकर मेरा निमंत्रण स्वीकार कर मेरे होम स्टेट आए थे। आपने वाइब्रेंट गुजरात समिट को नई ऊंचाई दी इससे उसका गौरव बढ़ा। उन्होंने कहा कि यूएई में बीएपीएस का मंदिर उनके सहयोग के बिना नहीं बन सकता था। प्रधानमंत्री मोदी कल इस मंदिर का उद्घाटन करेंगे। ये यूएई का पहला हिंदू मंदिर होगा। यूएई को भारत के प्रमुख एक्सपोर्ट में पेट्रोलियम प्रोडक्ट, मेटल, स्टोन, जेम्स एंड ज्वेलरी, मिनरल्स, फूड आइटम जैसे अनाज, चीनी, फल और सब्जियां, चाय, मांस और सीफूड, टेक्सटाइल, इंजीनियरिंग मशीनरी प्रोडक्ट और कैमिकल्स शामिल हैं। यूएई भारत का तीसरा सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है। दोनों देशों के बीच 6 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा का कारोबार है। इसमें यूएई ने भारत से 2 लाख करोड़ रुपए का इम्पोर्ट किया है। भारत का यूएई के साथ वित्तीय घाटा है। यानी भारत यूएई से आयात ज्यादा करता है और निर्यात कम। भारत ने वित्तवर्ष 2022-23 में यूएई से 4 लाख करोड़ रुपए का इंपोर्ट किया है। भारत ने यूएई के साथ एक ट्रेड पैक्ट पर भी साइन किया था। पुलवामा में आत्मघाती आतंकी हमले और जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म करने के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच संबंध बेहद खराब हो गए थे। उस वक्त पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा कि जब तक जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 बहाल नहीं किया जाएगा, तब तक भारत से कोई बातचीत नहीं होगी। इधर, भारत ने भी कहा कि जब तक आतंकियों पर कार्रवाई नहीं की जाती, तब तक बातचीत का सवाल ही नहीं। 2 साल बाद ही 25 फरवरी 2021 को भारत-पाकिस्तान के बीच सीमा पर सीजफायर का ऐलान होता है। बताया जाता है कि दोनों देशों के बीच डीजीएमओ स्तर की वार्ता के बाद यह सहमति बनी है। उस वक्त ब्लूमबर्ग ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया कि संयुक्त अरब अमीरात यानी यूएई ने सीजफायर के लिए भारत और पाकिस्तान के अधिकारियों की बातचीत के बीच गुप्त रूप से मेजबानी की थी। इस रिपोर्ट में कहा गया कि यूएई अमेरिका के बाद दूसरा देश था, जिसने सीजफायर के फैसले का स्वागत किया था। यही नहीं इस समझौते के ऐलान के दूसरे दिन यानी 26 फरवरी को यूएई के विदेश मंत्री अब्दुल्ला बिन जायद अल नाहयान अचानक दिल्ली के एक दिवसीय दौरे पर पहुंचे थे।
जनवरी 2023 में पाकिस्तान के तत्कालीन प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ ने भारत के साथ रिश्ते सुधारने के लिए यूएई से मदद मांगी थी। अल-अरेबिया को दिए एक इंटरव्यू में शाहबाज ने कहा था- मैंने यूएई के राष्ट्रपति मोहम्मद बिन जायद अल-नाहयान से भारत के साथ बातचीत शुरू करवाने की अपील की है। हमने वादा किया है कि हम भारत के साथ बेहतर रिश्ते चाहते हैं। शाहबाज ने कहा था यूएई के राष्ट्रपति के भारत के साथ काफी अच्छे संबंध हैं। हम उन्हें यह बताना चाहते हैं कि पाकिस्तान अपना सबक सीख चुका है। हम शांति चाहते हैं। हम भारत के साथ खुले दिमाग और पूरी ईमानदारी से बात करने के लिए तैयार हैं। हम जानते हैं कि यूएई इसमें एक अहम भूमिका निभा सकता है। यूएई में करीब 35 लाख भारतीय रहते हैं। यह देश की कुल जनसंख्या का 30% है और भारतीयों की तादाद यहां किसी भी दूसरे देश की तुलना में सबसे ज्यादा है। वहीं, रूस, सऊदी अरब और इराक के बाद यूएई भारत का चौथा सबसे बड़ा तेल आपूर्तिकर्ता है। यूएई उन अरब देशों में से एक है जो पाकिस्तान के नजदीक है। उनकी दोस्ती का अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि आर्थिक तंगी से जूझ रहे पाकिस्तान को यूएई ने भंडार बढ़ाने के लिए 1 अरब अमेरिकी डॉलर की मदद की थी। ये पहला मौका नहीं है, इससे पहले भी यूएई पाकिस्तान को कर्ज देकर मदद कर चुका है। हालांकि, पाकिस्तान से अच्छे संबंध होने के बावजूद यूएई कश्मीर को लेकर भारत के खिलाफ कोई भी बयान देने से बचता है। 2019 में जब भारत ने कश्मीर को विशेषाधिकार देने वाले आर्टिकल 370 को खत्म किया तो यूएई ने इसे भारत का आंतरिक मसला बताया था, जबकि पाकिस्तान भारत के इस एक्शन पर अरब देशों से कड़ी प्रतिक्रिया की उम्मीद कर रहा था। पाकिस्तान का करीबी दोस्त होने के बावजूद यूएई ने भारत की तरफ से हुई 2016 की उरी सर्जिकल स्ट्राइक और 2019 की बालाकोट एयरस्ट्राइक को सपोर्ट किया था। वो लगातार आतंक के खिलाफ लड़ाई में भारत का साथ देने की बात करता आया है।

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