जयपुर। कोरोना महामारी की तीसरी लहर की आहट देश में सुनाई देनी लगी है। राजस्थान में भी तेजी से केस से सामने आ रहे हैं। जयपुर में तो गत चार दिन से आंकड़ा से सौ से ऊपर आ रहा है। रविवार को यह आंकड़ा 224 तक पहुंच गया। चिकित्सा विशेषज्ञ देश और प्रदेश में केस बढऩे और तीसरी लहर का अंदेशा जता चुके हैं। तीसरी लहर को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने तीन जनवरी से 15 से 18 साल की आयुवर्ग के बच्चों को वैक्सीनेशन करने का फैसला किया है। तीन जनवरी से पूरे देश में इस आयुवर्ग के बच्चों को वैक्सीन लगाने का कार्य शुरु हो जाएगा। पहली और दूसरी लहर में बुजुर्ग और युवा वर्ग सर्वाधिक चपेट में आया और लाखों लोग की जानें गई। 18 साल से ऊपर की आयु के लोगों का वैक्सीनेशन करीब -करीब सा हो गया है। 18 साल से कम उम्र के बच्चे ही वैक्सीन से बचें हैं। तीसरी लहर बच्चों को ज्यादा चपेट में ले सकती है। क्योंकि एक तो इनका वैक्सीनेशन नहीं हुआ है। वहीं कोरोना काबू होने के बाद वर्तमान में स्कूल-कॉलेज खुले हुए हैं। नियमित पढ़ाई हो रही है। अब फिर से कोरोना फैलने लगा तो सर्वाधिक मार बच्चों पर आ सकती है। ऐसे में केन्द्र सरकार ने पहले 15 से 18 साल के बच्चों को वैक्सीन लगाने का फैसला किया है। इसके बाद दूसरी आयु वर्ग के बच्चों को टीके लगेंगे। राजस्थान सरकार भी बच्चों के वैक्सीनेशन की पूरी तैयारी कर चुका है। सभी 33 जिलों में 15 से 18 आयु वर्ग बच्चों का वैक्सीनेशन शुरू होगा। बच्चों को भारत बायोटेक की तैयार को-वैक्सीन लगेगी। बच्चों को अपना आईडी कार्ड साथ लाना होगा। जिसके पास कार्ड नहीं है, वह स्कूल का फोटोआईडी कार्ड से डोज लगा सकता है। बच्चों के लिए 15.82 लाख डोज स्टॉक में है। डोज लगाने के लिए चार हजार सेंटर बनाए है। स्कूलों में भी वैक्सीन की तैयारी है। रजिस्ट्रेशन ऑन स्पॉट करवा सकते हैं। 181 पर कॉल करने वाले लोगों के लिए घर टीम भेजी जा रही है। वैक्सीनेशन के लिए बच्चों को आधार कार्ड, राशन कार्ड, पैनकार्ड, स्कूल आईडी कार्ड लाना जरुरी है। साथ ही मोबाइल नम्बर भी देना भी अनिवार्य है, ताकि रजिस्ट्रेशन हो सके। जिन बच्चों के पास फोन नहीं है, वे अपने भाई-बहन या परिजनों के नम्बर लिखवा सकते हैं। तीसरी लहर को देखते हुए अभिभावकों को चाहिए कि वे सरकार की इस पहल में साथ दे और अपने नौनिहालों को स्वस्थ रखने और कोरोना से बचाने के लिए टीके जरुर लगाए।

LEAVE A REPLY