delhi.केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री सुरेश प्रभु ने मानव-पशु संघर्ष के पीछे के मूल कारणों पर ध्यान देने की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा है कि मानव-पशु संघर्ष पशुओं के लिए नहीं, बल्कि मनुष्यों के लिए एक अस्तित्व का संकट है। आज यहां इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र में आयोजित विश्व हाथी दिवस समारोह के अवसर पर उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए प्रभु ने कहा कि मानव आबादी को अस्तित्व के इस संकट के बारे में बताए जाने की तत्काल आवश्यकता है।

उन्होंने इस तथ्य को रेखांकित किया कि जंगलों एवं वनों की रक्षा वन्य जातियों की सुरक्षा के लिए आवश्यक है। उन्होंने इस अवसर पर दिवंगत श्री मणिकंदन एवं उनके परिवार के सर्वोच्च बलिदान का भी स्मरण किया। इस अवसर पर बोलते हुए पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय में विशेष सचिव एवं वन महानिदेशक डॉ. सिद्धांता दास ने कहा कि विकास की खोज में मानव के कदमों ने हाथियों के वास को विभाजित कर दिया है एवं वनों का नाश कर दिया है और इसी वजह से मानव-पशु संघर्ष की घटनाएं होती हैं।

अपने संक्षिप्त संबोधन में भारत के वन्य जीवन ट्रस्ट की ब्रांड अंबेस्डर दीया मिर्जा ने कहा कि इनके संरक्षण के प्रयासों में अधिक से अधिक लोगों को जोड़ना ही एकमात्र रास्ता है। उन्होंने उम्मीद जताई कि ‘गज महोत्सव‘ संरक्षणवादियों, नीति निर्माताओं, लोगों और विशेष रूप से बच्चों को साथ मिल कर वन्य पशुओं एवं हाथियों को संरक्षित करने का एक अवसर प्रस्तुत करेगा।

पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने भारत के वन्य जीवन ट्रस्ट के साथ मिल कर आज ‘गज महोत्सव‘ के समारोहों का आगाज किया। चार दिवसीय ‘गज महोत्सव‘ स्वतंत्रता दिवस को संपन्न होगा। ‘गज महोत्सव‘ समारोहों में नीति, कला प्रदशर्नियों का आयोजन, फिल्म शो, संगीत एवं मनोरंजन पर सत्र आयोजित किए जाएंगे।
विश्व हाथी दिवस पर मनाने के लिए एक पुरस्कार समारोह का भी आयोजन किया गया। श्री सुरेश प्रभु ने इस अवसर पर दिवंगत डॉ मणिकंदन को ‘सर्वश्रेष्ठ हाथी योद्धा पुरस्कार‘ से भी सम्मानित किया। श्रीमती संगीता मणिकंदन ने यह पुरस्कार ग्रहण किया।
विख्यात गीतकार प्रसून जोशी द्वारा कंपोज किया गया एवं विख्यात गायिकाओं सुश्री श्रेया घोषाल, सुश्री सुनिधि चौहान एवं गायकों श्री विशाल डडलानी एवं श्री बेन्नी दयाल द्वारा ‘मेरे देश की जमीन‘- ‘वाइल्ड एंथेम (संबद्ध वीडियो लिंक देखें) भी इस अवसर पर जारी किया गया।

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