American citizenship
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वाशिंगटन, अमेरिका के नये विदेश मंत्री के रूप में माइक पोम्पेओ के नाम की पुष्टि पर अनिश्चितता के बीच भारत और अमेरिका के बीच होने वाली टू- प्लस- टू वार्ता फिलहाल टल गयी है। भारत और अमेरिका के बीच पहली टू-प्लस- टू वार्ता18-19 अप्रैल को होने की संभावना थी। पिछले वर्ष प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की वाशिंगटन यात्रा के दौरान उनके और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच हुई सफल बातचीत के बाद टू- प्लस- टू वार्ता की घोषणा की गयी थी। हालांकि, दोनों देशों के विदेश और रक्षा मंत्रालयों के बीच होने वाली इस उच्चस्तरीय वार्ता के लिए किसी प्रकार की आधिकारिक घोषणा नहीं हुई थी।

भारत के विदेश और रक्षा सचिव अपने अमेरिकी समकक्षों के साथ मिलकर वार्ता की तैयारी के लिए इस सप्ताह के आरंभ में वाशिंगटन आये थे। ट्रंप द्वारा रेक्स टिलरसन को विदेश मंत्री के पद से बर्खास्त किये जाने की पृष्ठभूमि में भारतीय शिष्टमंडल वाशिंगटन पहुंचा था। शिष्टमंडल ने विदेश मंत्रालय और पेंटागन के साथ पहले से तय कार्यक्रम के अनुसार अपनी बातचीत पूरी की। इसी दौरान टू- प्लस- टू वार्ता बाद में करने का फैसला लिया गया, हालांकि अब इसके गर्मियों से पहले होने की कोई संभावना नहीं है। इस टू- प्लस- टू वार्ता को दोनों देशों के बीच रणनीतिक संबंधों को बेहतर बनाने के साधन के रूप में देखा जा रहा है। पिछले वर्ष जून के बाद दोनों देशों ने नवंबर, दिसंबर2017 सहित कई अलग- अलग तिथियों पर इस वार्ता के आयोजन का प्रयास किया था।

अधिकारियों ने जनवरी, 2018 में भी इस वार्ता का प्रयास किया, लेकिन समय की कमी के कारण उनके लिए चारों नेताओं भारत की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण और अमेरिकाके तत्कालीन विदेश मंत्री रेक्स टिलरसन तथा रक्षा मंत्री जिम मैटिस को एक साथ लाना मुश्किल हो रहा था। इस वर्ष फरवरी में यह तय हो पाया कि चारों नेता18-19 अप्रैल को मिल सकते हैं। लेकिन अब टिलरसन को पद से हटाये जाने के बाद वार्ता कार्यक्रम में फिर से बदलाव करने होंगे। पोम्पेओ की नियुक्ति को सीनेट से मंजूरी मिलनी बाकी है। अमेरिकी संसद का स्प्रींग ब्रेक( वसंत अवकाश) 22 मार्च से शुरू हो रहा है और सांसद अब दो अप्रैल को वापस लौटेंगे। उनकी नियुक्ति की पुष्टि करने वाली सीनेट की विदेश मामलों की समिति ने अभी तक इस पर सुनवाई की तारीख तय नहीं की है।

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