– इनकम टैक्स अधिकारी बनकर आए डकैतों ने जयपुर में एक बिजनेसमैन के यहां सवा करोड़ की लूट की थी। तीन दिन बाद पुलिस अब इस केस को लेकर खुलासा करने की तैयारी में।
जयपुर. इनकम टैक्स अधिकारी बनकर आए डकैतों ने जयपुर में एक बिजनेसमैन के यहां सवा करोड़ की लूट की थी। घटना के तीन दिन बाद पुलिस अब इस केस को लेकर खुलासा करने की तैयारी में है। सूत्रों के अनुसार डकैती का सूत्रधार घर की ही कोई करीबी है। दरअसल, पुलिस लूट वाले एरिया के सीसीटीवी फुटेज के आधार पर मास्टरमांड के करीब तक पहुंची है। मामला जयपुर के सूरजपोल एरिया में रहने वाले एक आटा व्यापारी से जुड़ा है। पुलिस ने डकैती से दस दिन पहले के सभी फुटेज और बिजनेसमैन के घर की तरफ आने वाले सभी लोगों की जांच की है। पुलिस डकैती में शामिल बदमाशों को चिन्हित कर पूछताछ में जुटी है। सीसीटीवी फुटेज में रैकी करने वाली कार में एक महिला भी दिखी है। डीसीपी नॉर्थ परिस देखमुख ने बताया कि गलता गेट इलाके में अनाज मंडी के पास रहने वाले तांबी के घर डकैती उनके परिचित व्यक्ति के इशारे पर हुई। वारदात से पहले आरोपियों ने घर की पूरी रैकी की। घर में बने गोदाम में मजदूरों के आने और जाने से समय को लेकर रैकी की थी। साथ ही किस समय घर में सबसे कम परिवार और गोदाम में काम करने वाले लोग रहते हैं। इसकी भी जानकारी जुटाई। जिस कार से बदमाशों ने रैकी की। उस कार में पुलिस को एक युवती भी दिखाई दी हैं। जयपुर के 12 सीआई, तीन एसीपी और दो एडिशनल एसपी इस केस में लगे हुए थे। सीएसटी और 100 से अधिक पुलिसकर्मियों ने अब तक क्राइम सीन से लेकर पिछले 10 दिन से दिल्ली रोड के 1200 से अधिक सीसीटीवी फुटेज खंगाले थे। बदमाशों से हुई पूछताछ में घटना को लेकर लगभग 70 प्रतिशत कहानी सामने आ चुकी है। अभी भी पुलिस दो लाइन पर काम कर रही हैं। पुलिस ने सत्यानारायण तांबी के घर में काम करने वाले वर्तमान नौकर, पहले काम छोड़ कर जाने वाले नौकर और बाहरी राज्यों से आने वाले नौकर की सूची बनाई है। इससे पुलिस को घटना को लेकर एक बड़ी लीड मिली है। जिस पर काम करने के बाद पुलिस ने बिहार, यूपी और एमपी से बदमाशों को पकड़ा हैं। सूत्रों की मानें तो पुलिस को अब केवल लूट के पैसों और ज्वेलरी की बरामदगी का इंतजार है। इसमें पुलिस को अभी भी कुछ समय और लग सकता हैं। सूत्रों के मुताबिक डकैती के लिए पिछले काफी समय से योजना बनाने के बाद बदमाशों को बाहर से बुलाया। योजना के तहत परिवार के सदस्यों का ब्योरा बदमाशों को दिया गया। रैकी से लेकर डकैती तक पूरी वारदात बदमाशों ने प्लानिंग के तहत की। योजना बनाने, रैकी और डकैती डालने वाले सभी बदमाशों का परसेंटेज इस डकैती से पहले ही तय हो गया था। वारदात कर भागने के बाद तय जगह पर मिलकर डकैती से मिला पैसा बांटा जाता है। प्लानिंग करने वाला पुलिस की रडार पर आने के बाद आगे की कहानी गड़बड़ा गई है। इसलिए माल की बरामदगी को लेकर कई जगहों पर दबिश दी जा रही है। पुलिस अब तक इस केस में 60 से अधिक लोगों से पूछताछ कर चुके है।

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