नई दिल्ली। जमशेदपुर की एक स्थानीय अदालत ने सोमवार को पूर्व सांसद व आरजेडी नेता मोहम्मद शहाबुद्दीन को 28 साल पुराने ट्रिपल मर्डर केस में बरी कर दिया। बता दें फरवरी 1989 की शाम युवा कांग्रेस जिलाध्यक्ष प्रदीप मिश्रा के साथ जर्नादन चौबे व आनंद राव की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस हत्याकांड को जुगसलाई कांड के नाम से भी जाना जाता है। इस प्रकरण में शहाबुद्दीन सहित 8 लोगों को आरोपी बनाया गया। इनमें ट्रायल के दौरान 3 लोगों की मौत हो गई थी, जबकि 4 को वर्ष 2006 में बरी कर दिया गया। इसमें शहाबुद्दीन का ट्रायल अलग से चलाया गया। क्योंकि उसे लगातार समन भेजने के उपरांत भी वह कोर्ट में पेश नहीं हो सका। इस केस में शहाबुद्दीन का नाम एक शार्प शूटर के तौर पर सामने आया था, जिसे इलाके के दबंग साहिब सिंह ने हायर किया था। इस मामले में शहाबुद्दीन की पेशी तिहाड़ जेल से 3 अप्रेल को वीडियो क्रांफ्रेंसिंग के जरिए हुई थी। उनका बयान ऑनलाइन रिकॉर्ड किया। जिसमें शहाबुद्दीन खुद को निर्दोष बताया। इधर हत्याकांड में जान गंवाने वाले प्रदीप मिश्र के परिजनों ने अदालत के फैसले पर निराशा जाहिर की ओर कहा कि पिछले 25 वर्ष के दौरान एक बार भी चश्मदीद गवाह बरमेश्वर पाठक की गवाही नहीं कराई गई। यही वजह रही कि शहाबुद्दीन बरी कर दिया गया।

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