नई दिल्ली. नरेंद्र मोदी ने रविवार 9 जून की शाम लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ ली। वे जवाहर लाल नेहरू के बाद ऐसा करने वाले दूसरे पीएम बन गए हैं। मोदी ने ईश्वर के नाम की शपथ ली। इसके बाद राजनाथ सिंह, अमित शाह, नितिन गडकरी, जेपी नड्डा और शिवराज सिंह चौहान ने शपथ ली। मोदी समेत अब तक अब तक 42 मंत्री शपथ ले चुके हैं। सरकार में मोदी समेत 72 मंत्री बनेंगे। इनमें 30 कैबिनेट मिनिस्टर और 5 स्वतंत्र प्रभार मंत्री और 36 राज्य मंत्री होंगे। शपथ ग्रहण समारोह शाम 7 बजकर 15 मिनट पर शुरू हुआ। राष्ट्रपति भवन में 7 देशों के लीडर्स के अलावा देश के फिल्म स्टार भी इस समारोह में पहुंचे। इनमें अक्षय कुमार, शाहरुख खान, विक्रांत मेसी और राजकुमार हिरानी शामिल हैं। रिलायंस ग्रुप के चेयरमैन मुकेश अंबानी भी मौजूद हैं। मोदी ने रविवार सुबह राजघाट जाकर महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि दी। इसके बाद वे अटल जी की समाधि और नेशनल वॉर मेमोरियल गए। सुबह मोदी ने अपने आवास पर संभावित मंत्रियों के साथ मीटिंग की। जी किशन रेड्डी 1980 से पार्टी में सक्रिय हैं, युवा मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे। 2010 में आंध्र और तेलंगाना भाजपा के अध्यक्ष रहे। सिकंदराबाद से लगातार दूसरी बार जीते। डॉ. मनसुख मांडविया मोदी के बेहद करीबी चेहरों में से एक माने जाते हैं। कोविड के समय बेहतर हेल्थ मैनेजमेंट के लिए चर्चा में रहे। गुजरात में सबसे कम उम्र के विधायक रहे। पदयात्राओं के लिए जाने जाते हैं। हरदीप सिंह पुरी विदेश सेवा के 1974 बैच के अधिकारी रहे। विदेश मंत्रालय और कई देशों में राजदूत रहे। राष्ट्रीय सुरक्षा और आतंकवाद निरोधक मामलों के एक्सपर्ट हैं। 2019 में अमृतसर से चुनाव हारने के बाद भी कैबिनेट मंत्री बने। भूपेंद्र यादव संगठन के अनुभवी नेता हैं। पहली बार सांसद बने। इससे पहले राज्यसभा में रहे। पिछली बार केंद्रीय कैबिनेट में शामिल थे। किरेन रिजिजू अरुणाचल से तीसरी बार सांसद बने। दिल्ली से पढ़ाई की। मोदी कैबिनेट में पहली बार गृह राज्य मंत्री बने। 2019 में खेल, गृह और कानून मंत्री रहे। गजेंद्र सिंह शेखावत ने एबीवीपी से राजनीति की शुरुआत की। 2019 में अशोक गहलोत के बेटे को हराया। 2024 में कांग्रेस के करण सिंह उचियारड़ा से 1.15 लाख वोटों से जीते। नल-जल योजना का जिम्मा इन्हीं पर है। अन्नपूर्णा देवी 2019 में आरजेडी से भाजपा में आईं। उसी साल लोकसभा का टिकट मिला और जीतीं। 2021 में मोदी मंत्रिमंडल में शामिल हुईं। 2024 में लगातार दूसरी बार संसद पहुंचीं। भाजपा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हैं। ज्योतिरादित्य सिंधिया 2020 में कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आए। मध्य प्रदेश में भाजपा की सरकार बनवाई। 2021 में मोदी कैबिनेट में एविएशन मिनिस्टर बनाए गए। पिता कांग्रेस, दादी जनसंख में रह चुकीं। अश्विनी वैष्णव राज्यसभा सांसद हैं। पूर्व आईएएस अफसर थे। वैष्णव पिछली कैबिनेट में रेल और आईटी मंत्रालय संभाल चुके। हिन्दुत्व की छवि वाले गिरिराज सिंह भाजपा के फायरब्रांड नेता माने जाते हैं। लगातार दूसरी बार बेगूसराय से जीते। केंद्र सरकार में लगातार दो बार मंत्री रहे। प्रल्हाद जोशी धारवाड़ से पांचवी बार सांसद चुने गए। कर्नाटक भाजपा के अध्यक्ष के अलावा मोदी कैबिनेट में कोयला और संसदीय कार्य मंत्रालय का जिम्मा संभाल चुके हैं। लगातार छठी बार सांसद बने जुएल ओरांव भाजपा में प्रमुख आदिवासी चेहरा हैं। संघ के करीबी हैं। अटल सरकार में भी मंत्री रहे थे। राम मोहन नायडू ने श्रीकाकुलम से वाईएसआरसीपी के तिलक पराड़ा को 3.27 लाख वोटों से हराया। तीसरी बार सांसद बने। सबसे कम उम्र के मंत्री हैं। चंद्रबाबू नायडू के करीबी हैं। पिता येरन नायडू की एक्सीडेंट में मौत के बाद राजनीति में आए। सर्बानंद सोनोवाल असम के मुख्यमंत्री रह चुके हैं। पिछली बार हिमंता बिस्व सरमा के सीएम बनने के बाद केंद्र में मंत्री बने। दो बार मोदी कैबिनेट में रह चुके हैं। राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह नीतीश कुमार के सबसे करीबी नेता हैं। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे। जेपी आंदोलन से राजनीति में आए। जीतन राम मांझी बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री रह चुके हैं। कांग्रेस से राजनीति की शुरुआत की। फिर जनता दल, आरजेडी और जदयू में गए। नीतीश कुमार से विवाद के बाद अलग पार्टी (हम) बनाई। गया सीट से चुनाव जीते हैं। धर्मेंद्र प्रधान पहली बार लोकसभा के लिए चुने गए हैं। इससे पहले वे राज्यसभा में रहे। संगठन में लंबा अनुभव। मोदी-शाह के करीबी।

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