नई दिल्ली। केन्द्र की पीएम नरेन्द्र मोदी सरकार सरकारी महमकों के कारिंदों को आमजन के प्रति जवाबदेह बनाने के लिए कमर कस चुके हैं। तभी तो अपने प्रदर्शन में सुधार करो या दंड पाओ की नीति की पालना में अब अधिकारियों का मूल्यांकन किया जा रहा है। कार्मिक मंत्रालय से मिली जानकारी के अनुसार मंत्रालय सिविल सेवा से जुड़े 381 अफसरों के खिलाफ अपने तय समय से पहले सेवानिवृत्ति या वेतनमानों में कटौती करने की नीति बना ली है। इसमें भारतीय प्रशासनिक सेवा से जुड़े 24 अफसर शामिल हैं।

मूल्यांकन में इन अफसरों का प्रदर्शन सही नहीं पाया गया। साथ ही इनके गैर कानूनी गतिविधियों में संलिप्त होने की बात सामने आई है। कार्मिक मंत्रालय ने इस पहल को तीन साल के अनवरत मानव संसाधन प्रयास: नवीन भारत की आधारशिला शीर्षक पुस्तिका में विस्तार से बयां किया है। इसमें बताया गया कि नौकरशाही में जवाबदेही को सुनिश्चित करने के लिए सरकार ने निष्ठा और प्रदर्शन नामक दो स्तंभ निर्धारित किए हैं। इन दो स्तम्भों में ही सुशासन निहित है। इसको हाल ही पीएम मोदी के समक्ष प्रदर्शित भी किया गया। मंत्रालय इस मुहीम में विदेशों में तैनात अधिकारियों के खिलाफ भी यह कार्रवाई अमल में ला रहा है। इन कठोरता भरे कदमों को दूरगामी संदेश गया है।

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