जयपुर. युवाओं को खुद का बिजनेस जमाने में राजस्थान सरकार 5 लाख रुपए तक की मदद करेगी। स्कूली बच्चों से लेकर ग्रामीण युवाओं तक को स्टार्टअप से लेकर इंडस्ट्री खड़ी करने तक सरकार स्टेप-बाई-स्टेप मदद करेगी। वहीं वूमन एंटरप्रेन्योर्स को 10 फीसदी रिजर्वेशन भी मिलेगा। ये सब ‘i-start राजस्थान’ स्कीम के जरिए होगा। इसके तहत 10 हजार स्टार्टअप तैयार कर 1 लाख नए रोजगार देने का टारगेट है। इस स्टार्टअप पॉलिसी पर सरकार ने तेजी से काम शुरू कर दिया है। यह पॉलिसी वन स्टेप प्लेटफॉर्म पर काम करेगी। यानी बिजनेस रजिस्ट्रेशन से लेकर उसे चलाने के लिए पैसे अप्रूवल होने का सारा काम बिना झंझट के एक ही विंडो पर होगा।
मुख्य सचिव उषा शर्मा ने बताया कि प्रदेश में स्कूली बच्चों के स्टार्टअप को 10 हजार से 1 लाख रुपए दिए जाएंगे। ग्रामीण युवाओं को आई स्टार्ट कार्यक्रम के तहत 5 लाख रुपए प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। प्रदेश के सभी 7 संभाग मुख्यालयों पर पॉलिसी लागू करने के लिए इनक्युबेशन सेंटर बनकर तैयार हो चुके हैं। 20 अगस्त को राजीव गांधी की जयंती पर इसका उद्घाटन किया जाएगा। शुरुआती तौर पर प्रदेश में कुल 30 ‘i-start नेस्ट इन्क्यूबेशन सेंटर’ शुरू होंगे।
इन्क्यूबेशन सेंटर एक इंस्टीट्यूट की तरह है, जहां स्टार्टअप को प्राइमरी स्टेज पर सभी तरह की मदद दी जाएगी। टेक्निकल सपोर्ट, लीगल डॉक्यूमेंटेशन सपोर्ट, नेटवर्क, बिजनेस कनेक्शन, काम करने के लिए वर्किंग स्पेस कैसा होना चाहिए।
सबसे खास बात है कि ये सीड फंडिंग यानी शुरुआती पूंजी भी उपलब्ध कराते हैं।
अगर आपके पास कोई आइडिया है, तो इन्क्यूबेशन सेंटर आप को गोद (Adopt) ले लेते हैं। स्टार्टअप को अपने पैरों पर खड़ा होने के लिए जरूरी सभी तरह की मदद प्रोवाइड करवाते हैं। यह मदद सरकारी और प्राइवेट दोनों तरीके से हो सकती है। मदद के बदले इनकी कोई शर्त भी हो सकती है।
नए-नए स्टार्टअप को पैसा बांटने के लिए सरकार 75 करोड़ का एक वेंचर कैपिटल फंड बनाएगी। इसका नाम है राजस्थान इनोवेशन विजन (राजीव) फंड। इसी फंड से स्टार्टअप के पैसे अप्रूवल किए जाएंगे। इसके साथ ही कोई स्टार्टअप बहुत बड़ा नाम करता है तो एक्सीलेंसी अवाॅर्ड भी दिया जाएगा। हेल्थ, रूरल डेवलपमेंट, एनवायरनमेंट, लाइवलीहुड क्षेत्र में एक्सीलेंट काम काम करने वाले स्टार्टअप को इनोवेशन अवाॅर्ड दिया जाएगा। इसमें पहला अवाॅर्ड 2 करोड़ रुपए, दूसरा 1 करोड़ और तीसरा 50 लाख का रखा गया है।
8वीं में पढ़ने वाले स्कूल स्टूडेंट से लेकर कॉलेज स्टूडेंट तक सभी अप्लाई कर सकते हैं। कॉलेज, यूनिवर्सिटी, इंजीनियरिंग कॉलेज, टेक्नोलॉजी से जुड़े युवा, रिसर्चर इसमें अप्लाई कर सकते हैं। ग्रामीण युवा जिनके पास किसी इनोवेशन का आइडिया हो या जिन्होंने कोई इनोवेशन कर लिया हो और उसमें टेक्नोलॉजी, मार्केटिंग और फंडिंग की जरूरत हो वो सभी इसमें अप्लाई कर सकते हैं।
स्टूडेंट का आइडिया अप्रूव होने पर यह फैसिलिटी है कि 5 फीसदी ग्रेस मार्क्स और 20 फीसदी अटेंडेंस में छूट हर सेमेस्टर में दी जाएगी। समाज में टेक्नोलॉजी और इनोवेशन के जरिए बड़े बदलाव या जीवन आसान बनाने वाले आइडिया को प्रेफरेंस दी जाएगी। जो स्टूडेंट प्रोजेक्ट पर काम कर रहे हैं, उन्हें उस प्रोजेक्ट को अपनी फाइनल ईयर डिग्री में प्रोजेक्ट क्रेडिट के तौर पर कन्वर्ट करने की फैसिलिटी मिलेगी।
जो स्टूडेंट्स एंटरप्रेन्योरशिप कर खुद की इंडस्ट्री लगाना चाहते हैं, उन्हें ग्रेजुएशन के दौरान 1 साल के गैप का ब्रेक लेने की परमिशन होगी। कॉलेज लेवल पर एंटरप्रेन्योरशिप को बढ़ावा देने के लिए एंटरप्रेन्योरशिप सेल बनेंगी। कॉलेज को इसके लिए 10 लाख रुपए की मदद की जाए।
आइडिया अप्रूवल हो जाता है तो एक साल तक 15 हजार रुपए हर महीने सस्टिनेंस अलाउंस दिया जाएगा। ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं, युवाओं को स्टार्टअप के लिए 5 हजार एक्स्ट्रा यानी 20 हजार रुपए हर महीने मिलेंगे। सीड्स फंडिंग यानी प्रोडक्ट बनाने के लिए 5 लाख की मदद मिलेगी। जब प्रोडक्ट को मार्केट में लॉन्च करना होगा, तब 10 लाख से 25 लाख तक का लोन मिलेगा। सिलेक्ट स्टार्टअप को स्टेट के टैक्स में भी छूट दी जाएगी। कर्मचारियों को स्किल डेवलपमेंट के लिए 25 हजार रुपए दिए जाएंगे।

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