नई दिल्ली। कहा जाता है कि व्यक्ति अपने पहले प्यार को भुलाए नहीं भूल पाता है। बात जब बचपन के किसी दोस्त की हो तो कहना ही क्या? तभी तो अब तक खुद को करमापा लामा के अवतार का दावा करने वाले तिब्बत के वरिष्ठ लामा थाए दोरजी (33) ने अपने बचपन की दोस्त रिनचेन यांगजोम (36) से विवाह कर लिया। विवाह करने के साथ ही उन्होंने अपना संन्यासी जीवन भी त्याग दिया। थाए दोरजी ने गुरुवार को एक आधिकारिक घोषणा करते हुए कहा कि 25 मार्च को एक बेहद निजी समारोह के दौरान नई दिल्ली में अपने बचपन की मित्र रिनचेन यांगजोम के साथ वैवाहिक बंधन में बंध गए हैं। उन्होंने कहा कि मुझे पक्का विश्वास है, ये मेरे दिल की आवाज है कि शादी के इस फैसले से न केवल उनके ऊपर वरन बौद्ध परंपरा पर भी सकारात्मक असर लाएगा। इससे हम सभी लोगों के लिए कुछ सुंदर, कुछ लाभप्रद होगा। बयान के मुताबिक थाए दोरजी शादी के बाद भी करमापा की भूमिका निभाते रहेंगे और वे विश्वभर के अपने छात्रों को शिक्षा और आशीर्वाद देते रहेंगे। दोरजी की पत्नी रिनचेन यांगजोम का जन्म भूटान में हुआ और पढ़ाई भारत व विदेशों में हुई। जबकि थाए दोरजी का जन्म तिब्बत में हुआ था, उनके पिता भी लामा परंपरा में अहम स्थान रखते हैं तो मां तिब्बती राजघरानों से संबद्ध है। दोरजी जब डेढ़ साल के ही थे तो उन्होंने लोगों को कहना शुरू कर दिया था कि वे करमापा हैं। तिब्बती परंपरा के अनुसार बौद्ध धर्म के अनुयायाी एक ऐसे बच्चे को करमापा लामा का अवतार घोषित करते हैं, जो करमापा के सरीखे भाव और व्यवहार दिखाता है। दोरजी बचपन से ही यह दावा करते आ रहे थे कि वे करमापा लामा के अवतार हैं। वैसे करमापा लामा को तिब्बती बौद्ध की चार अहम शाखाओं में एक का नेता माना जाता है। दोरजी खुद को करमा काग्यु बौद्ध नेता के रुप में बताते रहे हैं। लेकिन इस शाखा के समर्थक कई लोग उग्येन त्रिनले को अपना नेता मानते हैं। वैसे बौद्ध धर्म के सर्वोच्च गुरु दलाई लामा ने भी इन्हें मान्यता दे रखी है।

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