नई दिल्ली । तनख्वाह नौकरी करने वाले व्यक्ति के लिए यह शब्द महीनेबर की मेहनत करने के बाद एक सुकुन लेकर आता है। और हो भी क्यों नहीं यह उसकी महीनेभर की गई मेहनत का फल है। अगर किसी कर्मचारी को खबर मिले की उसकी मासिक तनख्वाह में बढ़ोतरी होने वाली है तो उसकी खुशी का अंदाजा सहज ही लगाया जा सकता है। जी हां! सूनने में आ रहा है कि 7वें वेतन आयोग के अंतर्गत सरकार न्यूनतम वेतन में इजाफा करने का विचार कर रही है। ऐसे में यह केंद्रीय कर्मचारियों के लिए एक अच्छी खबर हो सकती है। जानकारी के मुताबिक वित्त मंत्रालय केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों के न्यूनतम वेतन को बढ़ाकर 21,000 रुपये कर सकता है।

आपको बता दें कि मौजूदा समय में केंद्रीय कर्मचारियों का न्यूनतम वेतन 18,000 रुपए है। एक बार सरकार की ओर इस पर मंजूरी दिए जाने के बाद यह 18,000 से बढ़कर 21,000 रुपए प्रति माह हो जाएगा। यह जानकारी कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के जरिए सामने आई है। वित्त मंत्रालय ने 2.57 गुना के फिटमेंट फॉम्युर्ले को लागू करने का प्रस्ताव पारित किया था, लेकिन मंत्रालय अब इसे तीन गुना करने की तैयारी में है। रिपोर्ट्स के अनुसार वित्त मंत्री अरुण जेटली ने केंद्रीय कर्मचारियों के न्यूनतम वेतन को 18,000 रुपये से बढ़ाने का वादा किया है।

दरअसल सरकार का मानना है कि इससे कर्मचारियों के बीच वेतन असमानता से कुछ हद तक राहत मिलेगी और निचले स्तर के कर्मचारियों को मदद मिलेगी। यही नहीं गरीबी को दूर करने में भी यह कदम मददगार साबित होगा। त्यौहारी सीजन को देखते हुए ओडिशा सरकार ने मंगलवार को राज्य सरकार के कर्मचारियों के लिए 7वें वेतन आयोग की सिफारिशें लागू करने की घोषणा की है। इसकी घोषणा करते हुए राज्य के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने कहा कि 4.5 लाख से ज्यादा कर्मचारी और 3.5 लाख पेंशनधारियों को क्रमश: बढ़ी हुई सैलरी और पेंशन मिलेगी। नवीन पटनायक ने 1 जनवरी, 2016 से ही संशोधित वेतनमान को लागू करने का निर्देश दिया है। मुख्यमंत्री ने कहा, ह्लइससे सरकार पर वार्षिक अतिरिक्त व्यय करीब 4,500 करोड़ रुपये का होगा। सरकारी कर्मचारियों को वेतन वृद्धि सितंबर के बाद से मिलेगी।ह्व सूत्रों के मुताबिक राज्य सरकार कर्मचारियों और पेंशनधारियों को 20 महीनों (जनवरी 2016 से अगस्त 2017) का एरियर दिए जाने की दिशा में काम कर रही है। आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक कुल कर्मचारियों का एरियर करीब 9000 करोड़ रुपए बैठेगा।

LEAVE A REPLY