कश्मीर। भारतीय सेना ने कश्मीर घाटी में बढ़ती आतंकी घटनाओं को देखते हुए अब फिर से उस नीति पर चलने का फैसला किया है, जिससे आतंकियों को घेरकर पकड़ा जा सके। आतंकी हमलों से सेना को खासा नुकसान पहुंचा है। सेना इससे परेशान भी है। गामीणों का भी आतंकियों को साथ मिला हुआ है। ऐसे में सेना पन्द्रह साल पुरानी उस नीति को फिर लागू करने जा रही है, जिसे कासो कहते हैं। इसका मतलब है कि घेरा डालो और फिर तलाशो। घाटी के गांवों और दूरदराज क्षेत्रों में कासो अपनाकर आतंकियों को घेरा जाएगा। सेना इसका इस्तेमाल सबसे पहले सर्वाधिक उग्रवाद प्रभावित जिलों कुलगाम, पुलवामा, तराल, बडग़ाम, शोपियां में करेंगी। इन क्षेत्रों में आतंकी घटनाएं सर्वाधिक हुई और आतंकियों के छिपने की सूचनाएं भी है। इन क्षेत्रों में तलाशी अभियान शुरु करने की पूरी तैयारी कर ली गई है। जनता व ग्रामीणों के विरोध से निपटने के लिए सेना ने अलग से तैयारी की है। कासो पन्द्रह साल बाद लागू किया है। तब इसका विरोध होने पर इसे बंद कर दिया था। इस अभियान से उग्रवाद पर काफी काबू किया गया।

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