जयपुर. हर साल की तरह इस बार भी स्वच्छता सर्वेक्षण इसी महीने से शुरू हो जाएगा। इसके लिए केन्द्र से टीम जयपुर का औचक निरीक्षण करने आएगी। इस बार जयपुर टॉप-10 रैंक में शामिल हो इसको लेकर दोनों ही नगर निगम प्रशासन तैयारियों में जुट गए है। नगर निगम हेरिटेज और ग्रेटर की ओर से शहर में विशेष सफाई अभियान भी शुरू कर दिया है। ग्रेटर की तरफ से अब खुले में कचरा फेंकने वाले शॉप कीपर्स और जनता पर कैरिंग चार्ज वसूली की कार्यवाही भी शुरू करेगा, जो 200 रुपए से लेकर 1 हजार रुपए तक होगा। इस बार ये सर्वे 9500 नंबर का है। इन नंबरों को लाने के लिए इस बार जयपुर नगर निगम को पॉलिथीन प्रतिबंध से लेकर कचरे के एंड डिस्पोजल सहित सभी पैरामीटर पर बहुत ज्यादा काम करना होगा। वेस्ट टू वेल्थ थीम के अनुरूप इस बार 48 प्रतिशत यानी 4525 अंक अकेले सर्विस लेवल प्रोग्राम यानी कचरे के सेग्रीगेशन, प्रोसेसिंग, डिस्पोजल पर आधारित रहेंगे। जयपुर में अभी कचरे का एंड यूज डिस्पोजल का काम नहीं हो रहा, जो एक बड़ी समस्या है। इसके अलावा सर्टिफिकेशन पर 27 प्रतिशत यानी 2500 अंक और सिटीजन फीडबैक के आधार पर 25 प्रतिशत यानी 2475 अंक दिए जाएंगे। इस मामले में नगर निगम ग्रेटर की मेयर डॉ. सौम्या गुर्जर और कमिश्नर महेन्द्र सोनी का कहना हैं कि नगर निगम अपने स्तर पर तो काम कर रहा है, लेकिन जनता की भागीदारी के बिना जयपुर की रैकिंग टॉप-10 में लाना संभव नहीं हैं। उन्होंने कहा कि इंदौर में यदि छह तरीके से कचरा संग्रहण किया जा रहा है तो उसके लिए वहां के नागरिकों की जागरूकता हैं। जयपुर में डोर टू डोर कचरा संग्रहण के लिए हूपर में गीला और सूखा कचरे के लिए अलग-अलग ब्लॉक हैं, लेकिन उसके बावजूद लोग गीला और सूखा कचरा अलग-अलग नहीं डालते। इसके लिए जयपुराइट्स को जागरूक होना होगा। उन्होंने कहा कि कई बार ऐसा देखन को मिलता है जब हूपर चले जाते है तब दुकानदार मुख्य सड़कों पर कचरा डाल देते हैं, लेकिन अब ये नहीं चलेगा। अगर अब किसी ने कचरा सड़क पर डाला तो 200 से 1 हजार रूपए तक कैरिंग चार्ज वसूला जाएगा। जयपुर नगर निगम ग्रेटर में तो अभी कई वार्डो में डोर टू डोर कचरा संग्रहण के हूपर ही 2-3 दिन के अंतराल में आ रहे है। इन हूपरों पर केवल एक ड्राइवर होता है, लेकिन हेल्पर नहीं। 2-3 दिन के अंतराल में हूपर आने से लोगों को मजबूरन खुले ओपन डिपो पर कचरा फैंकना पड़ रहा है, जिससे ओपन डिपो भी पहले की तरह सड़कों पर दिखने लगे है। ऐसे में लोगों को जो सुविधा मिलनी चाहिए वह नहीं मिल रही।

LEAVE A REPLY