जयपुर। राजस्थान की जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय के शिक्षक भर्ती घोटाले में एसीबी ने बड़ी कार्रवाई करते हुए कांग्रेस के पूर्व विधायक जुगल काबरा समेत 5 को गिरफ्तार किया है। शुक्रवार को एसीबी ने यह कार्रवाई करते हुए काबरा के अलावा जेएनयू के तत्कालीन कुलपति भंवर सिंह राजपुरोहित, शिक्षक नेता डूंगर सिंह खींची, कर्मचारी केशवन व 2 अन्य कर्मचारी को गिरफ्तार किया है। अन्य आरोपियों की तलाश में छापे मारे जा रहे हैं। इनकी गिरफ्तारी के लिए कई पुलिस टीमें लगी हुई है। एसीबी के आईजी वी.के.सिंह के नेतृत्व में यह कार्रवाई की गई है। गत तीन दिन से एसीबी टीम इनकी धरपकड़ के लिए जोधपुर में डटी हुई थी। भर्ती घोटाले को लेकर एसीबी ने अगस्त 2014 में तत्कालीन कुलपति राजपुरोहित समेत 17 शिक्षकों व चयनित अभ्यर्थियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी। यह प्राथमिकी शिक्षक संघ के ओमप्रकाश भाटी ने दर्ज करवाई थी। इन सभी आरोपियों को एसीबी ने पद का दुरुपयोग करने, अंतिम तिथि तक भर्ती विज्ञापन व अध्यादेश में उल्लिखित न्यूनतम योग्यता नहीं होने के बावजूद चहेतों को साक्षात्कार में शामिल करने, साक्षात्कार के दौरान आवेदकों के अंकों की गणना नहीं कर मेरिट लिस्ट अनुसार चयन नहीं करने, रिकॉर्ड में काट-छांट कर फर्जी दस्तावेज तैयार करने के आरोप प्रमाणित माने है। भर्ती में लाभ पाने वाले कुछ अभ्यर्थियों को भी आरोपी बनाया है।

– आरटीआई से हुआ भर्ती घोटाला का पर्दाफाश

जेएनयू शिक्षक भर्ती घोटाले का पर्दाफाश शिक्षक नेता और आरटीआई एक्टिविस्ट ओमप्रकाश भाटी के प्रयासों से हुआ। भर्ती घोटाले में अनियमितताओं का पता लगने पर भाटी ने आरटीआई से भर्ती संबंधित दस्तावेज एकत्र किए। दस्तावेज में भर्ती में बरती अनियमितताओं के आधार पर एसीबी में शिकायत दर्ज करवाई। मीडिया को भी इस बारे में समाचार प्रकाशित करवाए। हालांकि इस घोटाले को दबाने के प्रयास हुए, लेकिन एसीबी और आरटीआई कार्यकर्ता भाटी व उनके साथियों की मदद से यह मामला दबाया नहीं जा सका।

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