जयपुर। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष डाॅ. सतीश पूनियां ने पंचायत चुनाव की घोषणा पर प्रतिक्रिया देते हुये कहा कि चुनाव आयोग ने कांगे्रस सरकार के दबाव में आकर चुनाव की घोषणा की है। पंचायत चुनाव के इतिहास में पहली बार हुआ है कि पंच-सरपंच के चुनाव की तिथि घोषित हो गई और पंचायत समिति सदस्य और जिला परिषद सदस्यों के चुनाव का कोई अता-पता ही नहीं है।
डाॅ. पूनियां ने कहा कि कांग्रेस की डरी हुई सरकार चुनाव की तिथि को आगे बढ़ाना चाहती है। उसके लिये वो कोर्ट का सहारा लेना चाहती है। उच्चतम न्यायालय में अभी अवकाश चल रहा है, इसलिये सरकार को समय देने के लिये चुनाव आयोग ने इस तरह की आधी-अधूरी घोषणा की है। डाॅ. पूनियां ने कहा कि हालांकि चुनाव आयोग स्वतंत्र निकाय माना जरूर जाता है। लेकिन षड्यंत्र के आधार पर कांग्रेस सरकार काम कर रही है, वह प्रदेश की जनता के साथ धोखा है। इस घोषणा में सरकार की रणनीति की छाया स्पष्ट दिखती है। हो सकता है कानूनी बाध्यता के चलते चुनाव की तिथि घोषित की हो। लेकिन सरकार अभी भी चुनाव को लेकर भ्रम एवं असंमजस में है।
डाॅ. पूनियां ने कहा कि पंचायतीराज संस्था के चुनाव पंचायत समिति के सदस्य, जिला परिषद के सदस्यों के निर्वाचन के बाद दुसरे दिन हो जाते है। लेकिन ऐसा नहीं हो रहा। जो कि सरकार का बड़ा षड्यंत्र है। इससे पहले भी निकाय चुनावों में इस तरह का षड्यंत्र रचकर विशेष तौर पर ग्रामीण क्षेत्रों में लिपापोती करके अपना फिगर बढ़ा लिया था। लेकिन इस चुनाव मंे गहलोत सरकार के खिलाफ प्रदेश की जनता मंे आक्रोश है और प्रदेश के विकास कार्य विज्ञापन व कागजों मंे ही दिखाई दे रहे है, धरातल पर प्रदेश के विकास को ग्रहण लगा हुआ है। प्रदेश की कानून व्यवस्था, महिला उत्पीड़न, किसानों, बेरोजगारों और बिजली आदि के अनेक मुद्दों को लेकर जनता में आक्रोश व्याप्त है। इस जन आक्रोश से बचने के लिये सरकार ने यह रास्ता निकाला है। इसके अलावा कानूनी बाध्यता पूरी हो जाये और चुनाव भी पूरे तरीके से सम्पन्न नहीं हो, यह भविष्य के गर्भ में है। इसे देखते हुये आगे के चुनाव की घोषणा की है।
डाॅ. पूनियां ने बताया कि यह चुनाव सरपंच के चुनाव चिन्ह् पर नहीं होते। लेकिन आमतौर पर राजनैतिक पार्टी के कार्यकर्ता ही चुनाव लड़ते है। इसमें सरकार की यह नीयत है कि सरपंचों का निर्वाचन होने के बाद सरपंच की निष्ठा को प्रशासनिक तंत्र के माध्यम से आगामी चुनाव प्रचार के लिये काम में लिया जाये। मुझे लगता है कि जिस रूप में चुनाव की घोषणा की गई है, वह आधी-अधूरी और एक षड्यंत्र का हिस्सा है।