Reproduced video in gaanga by raping woman, done viral on social media

अलवर की मूक-बधिर और विमंदित बालिका के साथ ज्यादती और अमानवीय यातना के मामले की जांच अब सीबीआई करेगी। राज्य सरकार ने रविवार को देश व प्रदेश में सुर्खियों में आए इस मामले को सीबीआई के सुपुर्द करने का फैसला किया है। अभी इस मामले की जांच अलवर पुलिस कर रही थी। हालांकि घटना के पांच दिन बाद भी मासूम बालिका के साथ ज्यादती और अमानवीय यातनाएं देने वाले दरिंदे अभी तक पुलिस पकड़ से दूर है। पुलिस इनका सुराग लगा नहीं पाई है। वैसे पुलिस ने एसआईटी गठित करके मामले की तह में जाने के लिए त्वरित अनुसंधान में लग गई थी। उक्त मामले से जुड़े सभी सीसीटीवी फुटेज भी खंगाल डाले हैं, लेकिन अंतिम पन्द्रह से बीस मिनिट के अंतराल की गुत्थी अभी पुलिस सुलझा नहीं पाई है। इसी अंतराल के दौरान पीडिता के साथ काफी कुछ घटित हुआ। सही सलामत आ रही पीडिता कुछ ही मिनिटों में लहुलूहान अवस्था में पुलिया पर बेसुध मिली। पीडिता के हालात और प्राइवेट पार्टस पर गहरे जख्म को देखते हुए उसके साथ दुष्कर्म होने और अमानवीय यातनाएं दी गई है। हालांकि अलवर पुलिस अधीक्षक ने मेडिकल रिपोटर्स व राय के आधार पर दुष्कर्म से इनकार किया है। इस बयान के बाद सवाल उठ रहे हैं कि अगर दुष्कर्म नहीं हुआ तो मासूम के प्राइवेट पार्टस पर गहरे जख्म कैसे आए। क्यों इतनी ब्लीडिंग हुई, जिससे वह बेसुध हो गई थी और उसे दो यूनिट ब्लड देकर बमुश्किल बचाया गया है। अभी भी वह चिकित्सकों की निगरानी में है। विपक्षी दलों ने भी इस मामले में सरकार को घेरा है, साथ ही अलवर पुलिस की कार्यशैली को भी। सियासत अपनी जगह है, लेकिन एक मासूम के साथ काफी अमानवीय व घिनौना कृत्य हुआ है। इसके जिम्मेदार दोषी लोगों पर कार्यवाही होनी चाहिए। चाहे वह कोई भी हो। इस पर किसी को एतराज भी नहीं है। ना विपक्ष को और ना ही सत्ता पक्ष को। इसलिए सरकार ने भी विपक्ष की इस मांग को मंजूर कर लिया है कि इस मामले की जांच सीबीआई से हो। एक ऐसी बालिका के साथ जघन्य अपराध किया है, जो विमंदित है और ज्यादा बोल व सुन भी नहीं सकती है। ऐसी मासूम बालिका के साथ इस तरह की घिनौना अपराध करने वालों को जेल के सलाखों के पीछे होना चाहिए। साथ ही उसे कठोरतम सजा भी दिलवानी चाहिए। तभी दुष्कर्म, बालिका व महिलाओं के साथ अत्याचार के मामलों पर अकुंश लग पाएगा। जब तक मासूम के दोषी गिरफ्तार नहीं हो जाए, तब तक पुलिस को भी मुस्तैद होकर कार्य करना होगा। यह नहीं है कि सरकार ने मामले को सीबीआई को दे दिया है तो वह शांत बैठ जाए। बल्कि अलवर व राजस्थान पुलिस को सीबीआई के आने तक इस पूरे प्रकरण पर नजर रखनी होगी। तभी हमारे बीच में छिपे बैठे बदमाश पकड़ में आ पाएंगे। हर किसी के मन में पीडिता के प्रति सहानुभूति है, साथ ही जल्द इंसाफ भी चाहते है।

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