नई दिल्ली। आखिरकार जदयू के पूर्व अध्यक्ष शरद यादव ने सीएम नीतीश कुमार और भाजपा के गठजोड़ के मामले में अपनी चुप्पी तोड़ ही दी। शरद यादव ने अपनी चुप्पी तोड़ते हुए कहा कि वे नई सरकार के गठबंधन से कतई खुश नहीं है। वर्तमान में जो स्थिति सामने आई है, वो हमारे लिए दु:ख का विषय है। जनता ने हमें वोट गठबंधन तोडऩे के लिए नहीं दिया था। इस गठबंधन का टूटना दुर्भाग्यपूर्ण है।

शरद यादव ने ट्वीट कर पीएम नरेन्द्र मोदी पर करारा हमला बोला और कहा कि भाजपा को माफ करने के मूड में नहीं हैं तो नीतीश से भी नाराजगी है। कालेधन पर करारी चोट करते हुए ट्वीट किया लोकसभा में चुनाव प्रचार के दौरान सत्ताधारी दल का यह प्रमुख नारा था, विदेशों से काला धन वापस लाया जाएगा लेकिन वह वापस नहीं लाया गया। पनामा पेपर्स में जिन लोगों के नाम सामने आए, उनके खिलाफ कार्रवाई नहीं हुई। किसानों से जुड़े मुद्दों पर लिखा कि मौजूदा सरकार की एक बड़ी नाकामी फसल बीमा योजना है। किसानों को इसके बारे में कुछ पता नहीं है, केवल प्राइवेट कंपनियों को ही इससे फायदा हो रहा है। मीडिया के समक्ष उन्होंने कहा कि बिहार में जनादेश इसके लिए तो नहीं मिला था।

बता दें बिहार में पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव पर लगे भ्रष्टाचार के आरोप के बाद नीतीश कुमार ने महागठबंधन से नाता तोड़ दिया था और भाजपा का दामन थाम लिया था। जिसके बाद बिहार में नई सरकार का गठन हुआ। इसके बाद ही शरद यादव चुप्पी साधे हुए थे। उनकी चुप्पी से अटकले मिल रही थी कि संभवत: वे केन्द्र में महत्वपूर्ण मंत्रालय का जिम्मा संभाल सकते हैं। लेकिन मीडिया के समक्ष अपनी चुप्पी तोडऩे के बाद उन्होंने इस अटकलों पर पूर्णत: विराम ही लगा दिया।

इससे पहले राज्य सभा सांसद व व जदयू नेता अनवर अंसारी, सांसद वीरेन्द्र कुमार सीएम नीतीश के फैसले को लेकर अपना विरोध जता चुके हैं। वहीं यह भी सामने आया कि शरद यादव ने केरल, गुजरात व मध्यप्रदेश के जदयू नेताओं से बैठक की। जिसमें नेताओं ने नीतीश कुमार के फैसले पर विरोध जताया।

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