In the case of jail escape, the court sentenced one year to 24 years

आरोपी 2 सिपाही है फरार
जयपुर। जेल से इलाज के लिए सवाई मानसिह अस्पताल में भर्ती कराये कैदी को दो बार भगाने के मामले में 24 साल बाद एसीएमएम-दो, जयपुर मेट्रो सरोज मीणा ने दो मामलों में कैदी शहजाद पुत्र मकसूद खां निवासी मांजी का बाग, रमेश मार्ग, सी-स्कीम, जयपुर को एक-एक साल जेल की सजा से दंडित किया है। दोनों मामलों में कोर्ट से जमानत लेकर फरार हुए मुल्जिम दो सिपाहियों विजय कुमार माथुर पुत्र मुकुट बिहारी निवासी आरपीए क्वाटर्र, शास्त्री नगर एवं रोहिताश सिह पुत्र अजीत सिंह निवासी टीबा नंबर-7, कच्ची बस्ती,दौराला, जयपुर को राजस्थान पुलिस पकड़ नहीं सकी है। कोर्ट दोनों सिपाहियों को पहले ही मफरुर घोषित कर चुकी है। फरवरी, 1993 में दर्ज हुए दोनों मुकदमों में फैसला होने के बाद भी कोर्ट ने सिपाहियों के फरार रहने के कारण पत्रावली को सुरक्षित रखने के आदेश दिए है।
पहला मामला
एक मुकदमा गार्ड इन्चार्ज जगदीश सैनी ने मोती डूंगरी थाने में 6 फरवरी, 1993 को दर्ज कराया था कि 3० जनवरी को बंदी शहजाद को जेल से एसएमएस,अस्पताल के 2एबी वार्ड में भर्ती कराया था। 5 फरवरी को सुवह 8 से रात 8 बजे तक सिपाही विजय कुमार माथुर की ड्यूटी लगी हुई थी। चौकी में दी गई रिपोर्ट में विजय ने बताया कि रात्रि को पेशाब कराने के बाद शहजाद के पैर में एक ही हत्था लगाया था। दूसरा खूला छोड दिया। 3 बजे बाद उसे नींद आ गई। बाद में देखा तो शहजाद जंजीर का हत्था निकाल कर मय हथकडी वार्ड से भाग गया। पूछताछ में उसने हथकडी राज महल होटल परिसर में स्थित कुएं में डालना बताया, लेकिन पुलिस ने कुएं में ज्यादा पानी बताकर हथकड़ी बरामद नहीं होना बताया। पुलिस ने बाद जांच शहजाद के खिलाफ आइपीसी की धारा 224 व 379 में एवं सिपाही विजय के खिलाफ धारा 223 में चालान पेश किया। कोर्ट में हथकड़ी पेश नहीं होने पर वह धारा 379 में बरी हो गया।

दूसरा मामला
बंदी शहजाद व सिपाही रोहिताश के खिलाफ रामस्वरूप ने 14 फरवरी, 1993 को मोती डूंगरी थाने में ही मुकदमा दर्ज कराया था कि बंदी शहजाद को इलाज वास्ते उक्त अस्पताल में भर्ती कराया था। सुरक्षा के लिए रोहिताश को दुरुस्त हालत में हथकड़ी बस्ता लगाया जाकर दुरुस्त संभलवाया था। रोहिताश ने 14 फरवरी को सूचना दी कि उसे बाथरूम ले गया था, खिडकी से निकल कर भाग गया। बाद में उसे 15 फरवरी को पकड़ लिया गया था।
कहीं नौकरी तो नहीं कर रहे आरोपी सिपाही
वकील राजेन्द्र सिंह शेखावत ने बताया कि फरार दोनों सिपाहियों के बारे में पुलिस ने कोर्ट को कोई जानकारी नहीं दी। उनकी सम्पति की कुर्की की कार्रवाई भी नहीं की। पुलिस दोनों आरोपियों को पकड़ने का कोई प्रयास भी नहीं किया। वर्तमान में आरोपी कहीं नौकरी भी कर रहे हो या रिटायर भी हो गए हो तो, किसी को पता नहीं है। हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के निदेर्शों के बाद पुराने मुकदमों का अब शीघ्र निपटारा किया जा रहा है।

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