IAS Rajiv Ranjan's brother Kumar Jyoti Ranjan ARREST in fake arms licenses
IAS Rajiv Ranjan's brother Kumar Jyoti Ranjan ARREST in fake arms licenses

जयपुर। देशभर में चर्चित फर्जी हथियार लाइसेंस मामले में एटीएस ने सोमवार को कुपवाड़ा-जम्मू कश्मीर के तत्कालीन डिस्ट्रिक मजिस्ट्रेट एवं डिप्टी कमिश्नर राजीव रंजन के सगे बड़े भाई व्यापारी कुमार ज्योति रंजन (46) निवासी जलवायु टॉवर, सेक्टर-56 गुड़गांव-हरियाणा को गिरफ्तार कर मंगलवार को अदालत में पेश किया। अनुसंधान के लिए जांच अधिकारी एएसपी सतवीर सिंह ने एसपीपी बी.एस. चौहान के जरिए कोर्ट से दो दिन का रिमाण्ड मांगा, जिसका आरोपी के वकील ने विरोध किया। बाद में सीएमएम पी.एल. सैनी ने एक दिन के रिमाण्ड पर एटीएस को सौंप दिया।

एटीएस को जांच में पता चला कि मुख्य अभियुक्त राहुल ग्रोवर ने प्रति हथियार लाइसेंस डीएम राजीव रंजन को 4 हजार रुपए का भुगतान किया था। 2०15-16 में रंजन के कार्यकाल में उसके ऑफिस में ज्यूडिशियल क्लर्क गजन सिंह और कार्मिक मुश्ताक अहमद ने अनेक फर्जी लाइसेंस बनाकर गिरोह को उपलब्ध कराए थे। जांच में पता चला कि गजन सिंह का डीएम के भाई कुमार ज्योति से भी सम्पर्क था। डीएम रुपए स्वयं नहीं लेकर भाई की कम्पनी जेफ इन्फ्राटेक में जमा करवाकर राहुल ग्रोवर से लेता था। करीब 39 लाख रुपए जेफ इन्फ्राटेक कम्पनी में जमा हुए हैं।

उपरोक्त रुपए फर्म राहुल कन्सलटेंट के बैंक खाते में आरटीजीएस के जरिए कम्पनी के खाते में जमा करवाए गए हैं। शातिराना अंदाज में ब्लैकमनी को व्हाइट मनी में बदला जाता था। बड़े भाई ने बैंक स्टेटमेंट से मिली जानकारी के बाद उपरोक्त जमा हुए उनचालीस लाख रुपए के बारे में एटीएस को कोई जानकारी और दस्तावेज नहीं दे सका। जिसके बाद एटीएस ने कुमार ज्योति रंजन को गिरफ्तार कर लिया।

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