जयपुर। रियासतकालीन संपत्तियों के ब्यौरे/रिकॉर्ड का खुलासा करने के संबंध में दायर जनहित याचिका पर केन्द्र सरकार की ओर से जवाब पेश नहीं करने पर राजस्थान हाईकोर्ट में न्यायाधीश के एस झवेरी और न्यायाधीश वी के व्यास की खंडपीठ ने नाराजगी जताते हुए कहा है कि दिसंबर माह के प्रथम सप्ताह तक जवाब पेश किया जाए। ऐसा नहीं करने पर अदालत केन्द्र सरकार के जिम्मेदार अफसरों को तलब कर स्पष्टीकरण देने का आदेश पारित किया जाएगा।
इस संबंध में लोक संपत्ति संरक्षण समिति ने जनहित याचिका दायर कर हाईकोर्ट को बताया कि पूर्व राजपरिवार और राज्य सरकार के बीच संपत्तियों के बंटवारे को लेकर समझौता हुआ था। जिसके तहत कुछ संपत्तियों को पूर्व राजपरिवार की मानते हुए शेष संपत्तियों का स्वामित्व सरकार को मिला। लेकिन संपत्ति की उपरोक्त सूची को आज तक सार्वजनिक नहीं किया गया। अब संपत्ति की सूची उपलब्ध नहीं होने के कारण ऐसे संपत्तियों के स्वामित्व के विवादों का निपटारा भी नहीं हो पा रहा है। सुनवाई के दौरान राज्य सरकार ने तो हाथ खडे कर दिए और कहा कि उनके पास संबंधित दस्तावेज मिल नहीं रहे हैं। इस पर हाईकोर्ट ने केन्द्ग सरकार से दस्तावेज मांगे, लेकिन केन्द्र सरकार ने कोई जवाब ही पेश नहीं किया।