जयपुर। आनंदपाल के पुलिस द्वारा एनकाउंटर में मारे जाने के बाद अब एक नई लड़ाई शुरु हो चुकी है लड़ाई यह कि आनंदपाल की जगह अब कौन लेगा और इसी के लिए दूसरे गैंग अब आनंदपाल की गैंग पर डोरे डाल रहे हैं। फिलहाल आनंदपाल के अधिकतर गुर्गे पुलिस की गिरफ्त में है। आनंदपाल की जगह लेने के लिए कई लोग कतार में है लेकिन सबसे ऊपर जिसका नाम आ रहा है वो है पंजाब का गैगस्टर लारेंस। कयास लगाए जा रहे हैं आनंदपाल के खास साथी सुभाष मूंड के कहने पर ही लॉरेंस ने सीकर में पूर्व सरपंच को ठिकाने लगाया था। लॉरेंस तीन माह से अजमेर की हाई सिक्यूरिटी जेल में है, वहीं पर आनंदपाल की पूरी गैंग भी बंद है। लॉरेंस इस अवसर को भुनाने के लिए अपने शूटर्स से आनंदपाल की गैंग के काम करवा रहा है। सीकर के पलसाना में 23 अगस्त को पूर्व सरपंच सरदार राव की हत्या भी लॉरेंस के शूटर्स ने की थी, यह काम उसने आनंदपाल के गुर्गे सुभाष मूंड के कहने पर किया था। सरदार राव सुभाष के चाचा हरदेवाराम का राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी था, सुभाष उस पर पहले भी दो बार फायरिंग करवा चुका था। राव हत्याकांड में नए सुराग मिलने के बाद सीकर पुलिस सुभाष मूंड, लॉरेंस को प्रोडक्शन वारंट पर ले गई है। इस नए गठजोड़ से सीकर पुलिस के साथ एसओजी भी अलर्ट हो गई है। सीकर एसपी विनीत कुमार का कहना है कि दोनों का हर एंगल से इंटेरोगेशन किया जा रहा है।
हो सकती है दोनों बड़ी गैंग की शातिर चालें
1.आनंदपाल के एनकाउंटर के बाद लॉरेंस उसकी गैंग आॅपरेट करना चाहता है, या आनंदपाल की गैंग लॉरेंस का इस्तेमाल कर रही हैं।
2. जेल में हुई दोस्ती का फायदा उठाने के लिए लॉरेंस आनंदपाल की गैंग से हाथ मिला कर राजस्थान में अपने पैर जमाना चाहता है।
3. सुभाष गुमराह करने के लिए लॉरेंस का नाम ले रहा। इसमें ज्यादा दम नहीं, क्योंकि सरदार राव राजू ठेहठ का करीबी और सुभाष का दुश्मन था।
4. जोधपुर में फायरिंग करने वाले लॉरेंस के सभी गुर्गे पकड़े जा चुके हैं, आनंदपाल गैंग की मदद कर उसके लोगों को साथ मिलाना चाहता है।
हाई-सिक्यूरिटी जेल में सेंध
जोधपुरमें व्यापारियों के घरों पर फायरिंग कर वसूली का खेल शुरू करने वाले लॉरेंस विश्नोई को पुलिस ने 23 जून को अजमेर स्थित घूघरा घाटी हाई सिक्युरिटी जेल शिफ्ट कराया था। दो दिन बाद ही उसके पास सिम कार्ड गए, वह उनसे अपने गुर्गों से बात करने लगा। जोधपुर पुलिस उसकी एक्टिविटी को सर्विलांस पर रखे हुए थी, इसलिए उसकी बातें पकड़ में आईं तो पुलिस कमिश्नर अशोक राठौड़ ने अजमेर एसपी से दबिश दिला कर दोनों सिम कार्ड जब्त कराए थे, लेकिन कुछ दिनों बाद ही उसके पास दूसरे सिम कार्ड गए। संदेह है कि ये सिम सुभाष मूंड ने उपलब्ध कराए। सुभाष के कहने पर लॉरेंस ने फोन पर अपने गुर्गों को सीकर भेजा और सरदार राव की हत्या करवा दी।

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