नई दिल्ली। पंजाब के पटियाला जिले स्थित सनौर कस्बे में रहने वाली और सेंट मैरी स्कूल में कक्षा 7 की छात्रा हश्मिता के एक शिकायती पत्र ने नई दिल्ली स्थित राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के समाधी स्थल राजघाट पर तैनात पूरे स्टॉफ को बदल दिया गया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को मिले 13 वर्षीय हश्मिता के इस शिकायत पत्र को पीएम ने गंभीरता से लिया और स्टॉफ को तत्काल बदल डाला। पीएम ने हश्मिता के इस निर्भिक कदम की खुलकर प्रशंसा की। दरअसल हश्मिता हाल ही अपने परिवार के साथ दिल्ली घूमने आई थी। यहां राष्ट्रपिता की समाधी पर जब वह गई तो उसे कुछ ऐसा दृश्य देखने को मिला। जिसने उसे अंदर तक झंकझौर कर रख दिया।

-वसूली में लगा था स्टॉफ
हश्मिता जब बापू महात्मा गांधी की समाधी पर गई और उन्हें नमन किया। यहां उसे जूते रखने के दो काउंटर मिले। उसने देखा कि एक काउंटर जो पेड काउंटर था, वहां जूते रखने का चार्ज महज एक रुप था तो दूसरा नि:शुल्क। लेकिन वहां तैनात स्टॉफ विदेशी सैलानियों से 100-100 रुपए की वसूली कर रहा था। यह देख उसे रहा नहीं गया। हश्मिता जब तक घर पहुंची तब तक वह पूरे रास्ते यही सोच रही थी कि आखिर किया क्या जाए? इन रिश्वतखोरों को आखिर बापू की पवित्र समाधी से कैसे दूर किया जाए? आखिर कैसे इन भ्रष्टाचारों से मुक्ति पाकर देश की छवि को विदेशी सैलानियों के सामने बेहतर तरीके से पेश किया जाए और ठगी को रोका जाए?

-मिला लेटर हुआ एक्शन
हश्मिता को एक ही विचार मन में आया कि क्यों ने यह शिकायत सीधे पीएम नरेन्द्र मोदी से ही की जाए। बस फिर क्या था अपनी इच्छा शक्ति को मजबूत करते हुए उसने पीएम मोदी को पत्र लिख डाला और पत्र पर पते के तौर पर सिर्फ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, नई दिल्ली लिखा। यह पत्र पीएमओ पहुंच गया। पीएमओ ने मामले की गंभीरता को भांपकर इसकी जांच के आदेश जारी कर दिए। जांच सही पाई गई तो तत्काल एक्शन लेते हुए राजघाट के पूरे स्टॉफ को ही बदल दिया गया।पीएमओ ने तय किया कि ऐसा वाकिया दुबारा न हो इसके लिए राजघाट पर सीसीटीवी कैमरे लगाने के आदेश भी दिए। जहां अब सीसीटीवी कैमरे लगाए जा रहे हैं। वहीं हश्मिता के पिता अमरदीप सिंह ने इस त्वरित कार्रवाई को लेकर पीएम मोदी का आभार जताया।

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