जयपुर। विधायक कैलाशचंद भंसाली ने जोधपुर शहर के पेयजल योजना कार्यों में गड़बड़ी को लेकर जलदाय मंत्री सुरेन्द्र गोयल से शिकायत की है। विधायक कैलाश भंसाली ने मैसर्स दारा कंस्ट्रक्शन कंपनी पर प्रोजेक्ट कार्य के तहत जोधपुर शहर में मनमाने तरीके से पाइपलाइन डालने का आरोप लगाए हैं। दारा कंस्ट्रक्शन कंपनी द्वारा अमृत योजना के कार्यों में भी गड़बड़ी की जा रही है। दअरसल यह पूरा मामला जोधपुर संभाग से ही जुड़ा हुआ है। जलदाय मंत्री सुरेन्द्र गोयल, विधायक कैलाश भंसाली और मैसर्स दारा कंस्ट्रक्शन कंपनी तीनों ही जोधपुर संभाग से हैं।

सूत्रों के अनुसार मैसर्स दारा कंस्ट्रक्शन कंपनी जलदाय मंत्री सुरेन्द्र गोयल के काफी करीबी मानी जाती है, हालांकि जलदाय मंत्री ने कभी इस बात को सार्वजनिक नहीं होने दिया। जोधपुर शहर की पेयजल योजना के सुदृढ़ीकरण का कार्य मैसर्स दारा कंस्ट्रक्शन कंपनी को 21 प्रतिशत ज्यादा दरों पर दिया गया था, तब विभाग में काफी चर्चा का विषय रहा था, लेकिन कंपनी के बड़े प्रभाव के चलते मामला दब गया। विधायक कैलाश भंसाली ने अपने पत्र में लिखा है कि मैसर्स दारा कंस्ट्रक्शन कंपनी की ओर से जोधपुर शहर के पेयजल योजना के सुदृढ़ीकरण कार्यों में मनमर्जी की जा रही थी।

मैसर्स दारा कंस्ट्रक्शन कंपनी के स्टाफ द्वारा जलदाय विभाग के इंजीनियरों से जानकारी लिए बिना और मनमर्जी से पाइपलाइन डालने का काम किया जा रहा है। पाइपलाइन कार्यों में निविदा शर्तों और मापदण्डों की पालना करने की बजाए कंपनी द्वारा मनमर्जी से कार्य किए जा रहे हैं, जिसके चलते भविष्य में बड़ी समस्या खड़ी हो सकती है। इतना ही नहीं मैसर्स दारा कंस्ट्रक्शन कंपनी द्वारा अमृत योजना के कार्यों में भी मनमर्जी के आरोप लगाए हैं। विधायक कैलाश भंसाली ने 9 अगस्त, 2018 को जलदाय मंत्री से शिकायत कर मामले कार्रवाई का आग्रह किया था, जिसके बाद 20 अगस्त को मंत्री सुरेन्द्र गोयल ने प्रमुख शासन सचिव रजत कुमार मिश्र को शिकायती पत्र भेजा गया। प्रमुख शासन सचिव की ओर से मुख्य अभियंता स्पेशल प्रोजेक्ट को मामले की जांच सौंपी गई। मुख्य अभियंता स्पेशल प्रोजेक्ट की ओर से मामला जोधपुर प्रोजेक्ट और अमृत योजना से जुड़़ा होने के कारण जांच की जिम्मेदारी मुख्य अभियंता प्रोजेक्ट जोधपुर और मुख्य अभियंता शहरी जयपुर को भेजी गई। 16 अगस्त और 23 अगस्त, 2018 को रिमाण्डर देने के बाद भी जोधपुर विधायक की शिकायत पर अभी तक कोई जांच नहंी हुई है।

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