नई दिल्ली । आज का युग डिजिटल युग है हर व्यक्ति के हाथ में स्मार्टफोन है और हर व्यक्ति सोशल मीडिया पर आॅनलाईन रहता है। यहां तक की उसका हर काम आज आॅनलाईन ही हो रहा है। और इसी का फायदा कई मोबाईल कंपनियां उठा रही है। उनकी निजी जानकारी लीक करके। जिससे उपभोक्ता को नुकसान होने का खतरा है। इसी के चलते सरकार ने 21 मोबाइल निमार्ता कंपनियों को नोटिस जारी किया था। ऐसा इसलिए किया गया था कि क्योंकि कुछ मुख्य कंपनियों के स्तर पर यूजर्स की निजी जानकारी (मैसेज, लोकेशन और कॉन्टैक्ट लिस्ट आदि) चोरी होने की आशंका जताई जा रही थी। साथ ही यह भी कहा जा रहा है कि इन जानकारियों को दूसरी कंपनियों को बेचा भी जा सकता है। सरकार ने जिन कंपनियों को नोटिस भेजा है कि उनमें चीन की मोबाइल निमार्ता कंपनी वीवो, ओप्पो, शाओमी और जियोनी शामिल हैं। आपको बता दें कि यूजर्स की जानकारी चार तरीकों से चोरी की जा रही है। इस पोस्ट में हम आपको इन्हीं तरीकों के बारे में बताने जा रहे हैं।

ऐसे होती है जानकारी लीक
कॉन्टेक्ट लिस्ट: फोन की कॉन्टैक्ट लिस्ट के डाटा को टेलीकॉलर्स या विज्ञापन कंपनियों को बेचा जाता है। इससे यूजर्स को ब्लैकमेलिंग का सामना भी कर पड़ सकता है।
फोटो: यूजर्स के फोन में कई निजी फोटोज भी सेव रहती हैं। ऐसे में अगर यह फोटोज हैकर्स के लग जाती हैं तो उनका गलत इस्तेमाल किया जा सकता है। यह ब्लैकमेलिंग का बड़ा जरिया बन सकता है।
मैसेज: यूजर्स की काफी जानकारी व्हाट्सएप से इक्ट्ठा की जाती है। इन जानकारियों का इस्तेमाल हैकर्स गलत तरीके से भी कर सकते हैं। इससे यूजर्स की प्राइवेसी को खतरा हो सकता है।
लोकेशन: कई यूजर्स के फोन में लोकेशन हमेशा आॅन रहती है। ऐसे में हैकर्स के हाथ अगर आपकी लोकेशन की जानकारी लग जाए तो किडनैपिंग जैसे हालात भी बन सकते हैं।

चाईनीज कंपनी के साथ ही कई बड़ी कंपनियों को भी नोटिस
इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय की ओर से जिन 21 मोबाइल निमार्ता कंपनियों को नोटिस भेजा गया है उनमें चाइनीज कंपनियों के अलावा एप्पल, सैमसंग और माइक्रोमैक्स जैसी कंपनियां भी शामिल हैं। एक वरिष्ठ अधिकारी ने टाइम्स आॅफ इंडिया से बातचीत के दौरान यह जानकारी दी कि कंपनियों को सभी सुरक्षा संबंधी शर्तों का अनुपालन करने के लिए 28 अगस्त तक का समय दिया गया है। इसके बाद सुरक्षा संबंधी नियमों का अनुपालन हुआ या नहीं यह सुनिश्चित करने के लिए सरकार की ओर से आॅडिट किया जा सकता है। अधिकारी ने यह भी जानकारी दी कि अगर इस आॅडिट में कंपनियां नियमों का उल्लघंन करती पायी गईं तो उन पर पेनल्टी लगाई जाएगी।

LEAVE A REPLY