नई दिल्ली। दिल्ली एमसीडी चुनाव में रविवार को वोटिंग हो रही है। हालांकि वोटिंग की रफ्तार इतनी धीमी है कि सभी राजनीतिक दल भौचक्के हैं कि यह क्या हो रहा है। क्यों नहीं लोग वोट दे रहे हैं। दोपहर दो बजे तक मात्र 26 फीसदी वोटिंग की सूचना है। अगर यह स्थिति रही तो पचास-पचपन के बीच वोटिंग होगी। विधानसभा और लोकसभा चुनाव के मुकाबले एमसीडी चुनाव में वोटिंग प्रतिशत काफी कम होगा। लोकसभा व विधानसभा में 75 फीसदी से अधिक वोटिंग रही थी। एमसीडी चुनाव में कम वोटिंग से सत्तारुढ आम आदमी पार्टी, भाजपा और कांग्रेस की नींद उड़ा दी है। कोई समझ नहीं पा रहा है कि कम मतदान किसके खिलाफ जाएगा। दस साल से एमसीडी बोर्ड में भाजपा का राज रहा है। क्या कम वोटिंग भाजपा के खिलाफ है। फिलहाल दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार है। वह पहली बार जोर-खरोश के साथ एमसीडी चुनाव में उतरी है। फिर भी कम वोटिंग उन्हें डरा रही है कि कहीं यह सरकार के खिलाफ ना हो। इन सबमें कांग्रेस ज्यादा हैरान-परेशान नहीं है। क्योंकि ना तो वह एमसीडी बोर्ड में और ना ही दिल्ली सरकार में है। अगर वह अच्छा प्रदर्शन करती है तो उसके लिए फायदा होगा, अन्यथा कोई ज्यादा फर्क भी नहीं पडऩे वाला है। राजनीतिक विश्लेषकों के सामने भी कम वोटिंग हैरान भरी है। वे समझ नहीं पा रहे हैं कि दिल्ली की जनता क्या चाहती है और वे किससे नाराज है, जो वोट देने के लिए भी घर से नहीं निकली। खैर आज चुनाव हो जाएंगे। मतगणना में साफ हो जाएगा दिल्ली की जनता ने किसका साथ दिया। लेकिन यह तो तय है कि विधानसभा व लोकसभा चुनाव में भरपूर मतदान करने वाली जनता का वोट नहीं निकला यह संदेश दे रहा है कि वह सरकारों से खुश नहीं है, चाहे वह दिल्ली की हो या केन्द्र की।

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