नई दिल्ली। दुनिया अजीबो-गरीब है, साथ ही दुनिया के लोग भी। दुनिया के हर कोने में अलग-अलग रीति-रिवाज, धर्म-संस्कृति और रहन-सहन देखने को मिल जाएगा। वहीं कहीं ना कहीं ऐसे अजूबे और अनूठे लोग भी मिल जाएंगे, जो अपने अजीबो-गरीब कामों से ना केवल चर्चा में रहते हैं, बल्कि साइंस को भी चौंकाते हैं। ऐसे ही एक शख्स हैं पाकिस्तान के पंजाब निवासी महमूद बट। ये जनाब रोटी-सब्जी और अनाज के बजाय घास-फूस, पेड़ों की पत्तियों और लकडिय़ां खाते हैं। इन्हें दूसरी चीज पसंद नहीं है। कुछ सालों से नहीं, बल्कि पच्चीस सालों से पत्ती और लकड़ी खाकर जिंदा हैं। साइंस्टिक भी हैरान है, आखिर यह कैसे जिंदा है और स्वस्थ भी है। इनके पत्ते व घास-फूस खाने की आदत भी अजीब है। बकौल महमूद बट, उनका परिवार बेहद गरीब है। मेरे माता-पिता के पास इतना काम-काज व संसाधन नहीं थे, कि वे दोनों समय हमें खाना भी खिला सकें। ऐसे में पेट भरने के लिए वे पेड़ों की पत्तियां, छाल, लकड़ी और घास खाने लगें। जैसे-जैसे समय बीतता गया, वैसे ही मुझे यह खाना ही पसंद आने लगा। बचपन से ही इन्हें खा रहा था। पचास साल के बट का कहना है कि नौकरी नहीं मिली तो किसी के सामने हाथ फैलाने के बजाय पेड़ों ने मुझे सहारा दिया। सोने के लिए छाया तो खाने के लिए पत्तियां और उनमें लगे फलों से भी पेट भरता रहा। आज भी पत्तियों से ही पेट भरता हूं। हालांकि अब पहले जैसी स्थिति नहीं है। अब काम भी और इतने सक्षम भी है कि खुद और पूरे परिवार का पेट पालते हैं, लेकिन पत्तियां खाने की आदत अभी तक गई नहीं है। आज भी इन्हें खाते हैं, खासकर शीशम, बरगद,आम, जामुन के पेड़ों की पत्तियां खासी लजीज लगती हैं बट को।

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