जयपुर। एक तरफ जहां केन्द्र सरकार किसानों के प्रति संवेदनशीलता दिखा रही है और नई-नई योजना उनके लिए बना रही है। और उनके कर्जे माफ करने की दिशा में भी कदम बढ़ा रही है, तथा व्यवस्था कर रही है कि किसानों की परेशानियों को जल्द से जल्द दूर करके उन्हें राहत दी जाए। जिससे की किसान खेतीबाड़ी में ध्यान लगा सके और देश में खाद्यान्न के उत्पादन को बढ़ा सके जिससे हमारे देश को खाद्यान्न की कोई कमी नहीं हो। मगर इसके उलट राजस्थान में किसान अब भी अपनी मांगों को लेकर आन्दोलन कर रहे हैं। अपनी विभिन्न मांगों को लेकर नागौर जिले के किसानों को आज छह दिन बीत चुके हैं, लेकिन शासन-प्रशासन ने अब तक किसानों की सुध नहीं ली है।

ऐसे में आज किसानों ने जिला बंद का आह्वान किया है। किसानों ने नागौर जिला मुख्यालय, कुचामन व डीडवाना में भी बंद का आह्वान किया है। बंद के चलते जिले भर के आज किसान सुबह से ही नागौर के पशु प्रदर्शनी स्थित पड़ाव स्थल पर पहुंचने लगे हैं। पशु प्रदर्शनी स्थल पर किसान सभा का आयोजन किए जाने के बाद किसान रैली के रूप में शहर के बाजारों में पहुंचकर बंद का आह्वान करेंगे। किसान नेताओं ने बंद को नागौर जिले के व्यापारियों का समर्थन मिलने की भी बात कही है। इसके अलावा भी जिले के विभिन्न संगठनों से किसानों के बंद को समर्थन मिल रहा है। बंद आह्वान के चलते पुलिस प्रशासन ने नागौर, डीडवाना, कुचामन सहित छोटे कस्बों में भी बंदोबस्त तैनात किया है। खींवसर के किसान नेता सीताराम गोदारा ने बताया कि किसानों को सभी वर्गों से सहयोग मिला है।

किसान अपनी मांगों को लेकर कलेक्ट्रेट का घेराव करेंगे। किसानों की मुख्य मांगों में कर्ज माफी, स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट लागू करने, पशुओं की बिक्री पर लगी रोक हटाने सहित अन्य मांगें शामिल हैं। किसान नेता कंवराराम का आरोप है कि सरकार किसानों की कोई मदद नहीं कर रही है। पिछले 6 दिनों से नागौर के पशु प्रदर्शनी स्थल पर महापड़ाव जारी है और अब तक एक भी अधिकारी ने यहां आकर सुध नहीं ली है। किसानों के पड़ाव स्थल पर शौचालय की व्यवस्था तक नहीं की गई है। इस बारे में अधिकारियों से कहने पर उन्होंने किसानों से अपने स्तर पर ही व्यवस्था करने को कह दिया।

LEAVE A REPLY