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जयपुर। दो अदालतों में सशपथ विरोधाभाषी बयान देने को एडीजे-2 जयपुर जिला में जज प्रहलाद राय शर्मा ने गंभीर बताते हुए दोनों गवाहों जमवारामगढ के तत्कालीन वन रक्षक जगदीश यादव एवं मारपीट में घायल हुए जगदीश गुर्जर के खिलाफ मुकदमा चलाने के आदेश दिए है। मामले में आरोपी हमलावर नारायण जोगी निवासी गांव माथासूला-जमवारामगढ को कोर्ट ने बरी करते हुए कोर्ट ने आदेश में कहा कि जगदीश यादव व जगदीश गुर्जर ने इस कोर्ट में एवं एसीजेएम-1 कोर्ट में विरोधाभाषी बयान दिए है। दोनों ही कथन कोर्ट में सशपथ दिए है, इसलिये दोनों कथनों में से एक कथन झूठे है। मिथ्या साक्ष्य देने पर दोनों गवाहों के खिलाफ दफा 193 के तहत कार्यवाही की जावे व इसके लिए नोटिस जारी कर पृथक से कार्यवाही की जावे। इस संबंध में पीपी ए डी मूलवानी ने कोर्ट में अर्जी पेश की थी।

यह है मामला
22 फरवरी, 2012 को वनरक्षक जगदीश यादव की इत्तिला पर सहायक वनपाल ने जमवारामगढ थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि माथासूला में शीशम के कटे हुए पेड पकडे है। जब्त कर लाने पर नारायण जोगी, उसके पुत्र गल्लाराम व अन्य ने हमला कर जीप का आगे का शीशा तोड दिया। जगदीश गुर्जर का हाथ टूट गया। जान बचाकर ट्रेक्टर-ट्रॉली वही छोडकर भाग आये। पुलिस ने बाप-बेटे के खिलाफ कोर्ट में दफा 332,333 व 427 में चालान पेश किया। कोर्ट में आरोपी की ओर से वकील आरिफ मोहम्मद ने पैरवी की। ट्रायल के दौरान आरोपी रहे बेटे गल्लाराम की मौत होने पर कार्यवाही ड्रॉप की गई।

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