जयपुर। नौ साल पहले हुए जयपुर बम धमाकों में 72 लोगों की मौत हुई और सैकड़ों लोग घायल हुए थे। इण्डियन मुजाहिदीन से जुड़े आतंकियों ने मंगलवार के दिन हनुमान मंदिरों को टारगेट करते हुए उसके आस-पास और व्यस्त बाजारों में बम धमाके करने के लिए किशनपोल व दूसरे बाजारों से साइकिलें खरीदी। फिर साइकिल में टिफिन व थैलों में बम प्लांट करके खड़ी कर दी। सभी बमों में टाइमर लगा रखा था। मंगलवार शाम सात बजे बाद एक के बाद एक नौ स्थानों पर बम धमाके हुए। धमाकों से जयपुर ही नहीं पूरा देश दहल गया। 72 लोग मरे, सैकड़ों घायल हो गए। मरने वालों में बच्चे भी बड़ी तादाद में थे। सरकारी और निजी अस्पताल घायल मरीजों से भर गए। हजारों लोगों ने खून देकर घायलों की मदद की। हादसे के दूसरे दिन इण्डियन मुजाहिदीन ने ईमेल भेजकर इस हमले की जिम्मेदारी ली थी। करीब एक दर्जन आईएम आतंकियों ने इस हमले को अंजाम दिया था। इसमें मात्र पांच ही धरे गए। नौ साल पहले 13 मई को हुए इन बम धमाकों की गूंज आज भी जयपुरवासियों के कानों में गूंजती है। धमाकों में किसी ने पति,भाई, बेटा-बेटी, माता-पिता खोए और दर्जनों आज भी अपंग जीवन जी रहे हैं। बम धमाकों से हताहत परिवारों को जयपुर की संस्थाओं और लोगों ने भी खूब सहारा दिया। चाहे उनके मांगलिक कार्यों हो या रोजगार व घर परिवार की चिंता, सभी ने मिलकर उनके दुख-दर्द में साथ दिया। हां जयपुरवासियों को यह पीडा जरुर है कि आज भी धमाकों को अंजाम देने वाले आतंकी पकड़े नहीं गए हैं, जो पकड़े हैं, उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई पूरी नहीं हो पाई। हताहत परिवारों और जयपुर के लोगों की इच्छा है कि जिन्होंने इस घटना को अंजाम दिया और दर्जनों लोगों की हत्याएं की, उन्हें कानून जल्द से फैसला सुनाकर फांसी पर लटकाएं, ताकि कोई आतंकी फिर से ऐसी जरुरत नहीं कर सके।

LEAVE A REPLY