जयपुर। उधार रुपए लौटाने की बजाय दुष्कर्म मामले में फंसाने के रचे गए षडयन्त्र एवं साजिश में मोहरा बनी महिला मनीषा पत्नी अभिलाष चौरडिया निवासी भीलवाड़ा की अग्रिम जमानत अर्जी एडीजे.8 में जज अलका बंसल ने गंभीर अपराध बताते हुए खारिज कर दी। महिला की दलील थी कि वह निर्दोष है। 7 माह की गर्भावस्था के दौरान परिवादी गोपालराम के पिता सीताराम अग्रवाल ने अजमेर रोड पर स्थित होटल कंवर कलेवा में 9 अक्टूबरए 2०16 को बलात्कार किया था। इस संबंध में उसने 22 नवम्बर 2०16 को सीताराम व होटल मालिक अनिल गोयल के खिलाफ गैंगरेप व धमकाने की रिपोर्ट जिसमें एफआार लग चुकी है। दर्ज कराई थी। आरोपियों को बचाने के लिए पुलिस उसे गिरफ्तार करना चाहती है। साथ ही महिला की दलील थी कि 22 जनवरीए 2०17 को उसके सिजेरियन प्रसव हुआ है और बेड रेस्ट पर हैए लिहाजा अग्रिम जमानत दी जाए। जिसका विरोध करते हुए एपीपी जुगल किशोर शर्मा व परिवादी के वकील नरेन्द्र मोहन ने कोर्ट को बताया कि मामले में बगरु थाना पुलिस ने 4 फरवरी को इशरायलए सुनील पाटीदारए गामा उर्फ सलीम और लक्ष्मण जाट उर्फ गौरू जाट को गिरफ्तार कर चुकी है। मामले में मनीषाए उसकी मां उर्मिलाए श्योजीरामए रामूलाल सहित अन्य की अपराध में प्रत्यक्ष भूमिका है। मिलकर 5० लाख रुपए की अवैध मांग की गई है।