– 100 मीटर से ज्यादा ऊंचाई वाले दोनों टावर गिरने में सिर्फ 12 सेकेंड का वक्त लगा।
नोएडा. नोएडा के सेक्टर 93 में बने सुपरटेक के अवैध ट्विन टावर दोपहर ढाई बजे ढहा दिए गए। 100 मीटर से ज्यादा ऊंचाई वाले दोनों टावर गिरने में सिर्फ 12 सेकेंड का वक्त लगा। इन्हें गिराने के लिए 3700 किलो बारूद का इस्तेमाल किया गया। इसके बाद दोनों टावर करीब 80 हजार टन मलबे में तब्दील हो गए। इस मलबे में कॉन्क्रीट और स्टील शामिल है, जिसकी कीमत करीब 15 करोड़ रुपए आंकी गई है। ब्लास्ट से पहले ट्विन टावर की नजदीकी इमारतों में रहने वाले करीब 7 हजार लोगों को सुरक्षित जगह भेजा गया। एक्सप्लोजन जोन से डेढ़ किलोमीटर तक का एरिया खाली कराया गया था। विस्फोट से टावर के पास मौजूद एक सोसायटी की दीवार को नुकसान पहुंचने और शीशे टूटने की जानकारी मिली है। हालांकि प्लानिंग के मुताबिक टावर एमराल्ड कोर्ट की तरफ नहीं,एटीएस की तरफ गिरे, जो सुरक्षित फॉल है। ब्लास्ट के बाद दोनों टावर्स का मलबा साइट पर जमा हो गया है। इमारत के मलबे का ढेर करीब 50 से 60 फीट की ऊंचाई तक फैला नजर आया। यह ऊंचाई 5 मंजिला इमारत के बराबर है। पेड़ों और इमारतों से धूल हटाने के लिए 50 से ज्यादा फायर टेंडर्स को लगाया गया है। इलाके में पॉल्यूशन लेवल मॉनिटर करने के लिए स्पेशल डस्ट मशीनें लगाई गई हैं। ट्विन टावर को गिराने के लिए विस्फोट की जिस तकनीक का इस्तेमाल किया गया, उसके चलते घनी आबादी के बीच बने दोनों टावर अपनी जगह पर जमींदोज हो गए। आसपास की किसी इमारत को बड़ा नुकसान नहीं पहुंचा। कुछ बिल्डिंग्स के शीशे टूटने और एक सोसाइटी की दीवारों में दरार आने की बात कही गई है। हालांकि नुकसान का सही आकलन सोसाइटी में रहने वाले परिवारों के लौटने के बाद ही हो सकेगा। ब्लास्ट से पहले ट्विन टावर के पास की दो सोसाइटी में गैस और बिजली सप्लाई बंद कर दी गई थी। नोएडा पुलिस ने एहतियातन ग्रीन कॉरिडोर बनाए थे। 6 अस्पताल भी स्टैंडबाई पर थे। दोपहर 2.15 बजे एक्सप्रेस-वे को बंद किया गया। प्रशासन की सलाह पर ही इसे खोला जाएगा। एक्स्प्रेस-वे के अलावा 5 और रूट भी बंद किए गए। धूल हटने के बाद ही इन्हें खोला जाएगा। ट्रैफिक डायवर्जन के लिए नोएडा ट्रैफिक पुलिस ने हेल्पलाइन नंबर 99710 09001 जारी किया है। नोएडा के सेक्टर 93 में जिस जगह सुपरटेक के अवैध टावर खड़े थे, वहां ब्लास्ट के 30 मिनट बाद धूल का गुबार हटने पर खाली जगह नजर आई। इसके साथ ही टावर के पीछे बनीं इमारतें भी दिखाई देने लगीं। टावर मलबे में बदले, तो करीब आधा किलोमीटर के इलाके में धूल फैल गई। आधे घंटे के बाद नोएडा अथॉरिटी के अमले ने एक्सप्लोजन साइट पर मोर्चा संभाल लिया। मलबा पूरी तरह हटाने में करीब तीन महीने का समय लगेगा।

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