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जयपुर। राज्य में सीएसआर गतिविधियां युवाओं में कौशल विकास और एंटरप्रोन्योरशिप विकसित करने में सहायक सिद्ध हो रही है। राज्य के पाली, झुन्झुनू और नागौर जिले में सीएसआर के तहत कार्य कर रहे स्किल एण्ड एंटरप्रोन्योरशिप इंस्टिट््यूट (सेड़ी) द्वारा सात हजार चार सौ से अधिक युवाओं को प्रशिक्षित कर रोजगार या स्वरोजगार के अवसर उपलब्ध कराए हैं। सेड़ी ने इन जिलों में 9813 युवाओं को प्रशिक्षित किया है और इनमें से 7431 युवाओं को प्लेसमेंट मिलना इस प्रशिक्षण की गुणवत्ता को दर्शाता है।

राज्य के उद्योग आयुक्त व सीएसआर सचिव श्री कुंजी लाल मीणा बारी-बारी से कंपनियों की बैठक लेकर सीएसआर गतिविधियों में नवाचारों को बढ़ावा देने के प्रयास कर रहे हैं। इसी दिशा में कदम बढ़ाते हुए राज्य की सीएसआर से जुड़ी कंपनियों व संस्थाओं के सहयोग से गरीब व हौनहार बच्चों को उच्च तकनीकी अध्ययन के लिए राशि उपलब्ध कराने का नवाचार भी शुरु कराने का निर्णय लिया गया है। राज्य सरकार के कारपोरेट सोशियल रेस्पांसबिलिटि विभाग द्वारा सीएसआर के दायरें में आ रही कंपनियों के सहयोग से सीएसआर गतिविधियों के तहत लोककल्याणकारी कार्यक्रमों को अमली जामा पहनाया जा रहा है।

राजस्थान के अंबुजा सीमेंट फाउण्डेशन कीस्किल एण्ड एंटरप्रोन्योरशिप इंस्टिट््यूट (सेड़ी)के माध्यम से तीन जिलों में खासतौर से गरीब, ग्रामीण व बेरोजगार युवाओं को 10 क्षेत्रों में प्रशिक्षण सुविधा उपलब्ध कराकर विभिन्न क्षेत्रों में कौशल विकास के साथ हीएंटरप्रोन्योरशिप विकसित करने का कार्य किया जा रहा है। सेड़ी द्वारा पं. दीनदयाल उपाध्याय-आईपीएच योजना में 170 दिव्यांगों को प्रशिक्षित किया हैं वहीं इनमें से 125 दिव्यांग युवाओं को रोजगार या स्वरोजगार का अवसर प्राप्त हो गया है।

सीएसआर गतिविधियाें में सेड़ी द्वारा कम्यूटर शिक्षा, बेसिक इंग्लिस कोर्स, हॉस्पिलिटी, ड्राइविंग, सिक्यूरिटी, रिटेल कारोबार, ऑटोमोबाइल, इलेक्टि्रकल, कंस्ट्रक्शन, कारपेंटरी, फिटिंग एवं वेल्डिंग, ब्यूटी पार्लर आदि के प्रशिक्षण की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। इसके साथ ही विभिन्न रोजगार देने वाली संस्थाओं से टाईअप होने से प्रशिक्षित युवाओं को प्लेसमेंट के अवसर उपलब्ध कराए जा रहे हैं।

एसीएफ की सेड़ी द्वारा युवाओं को सीमित अवधि के प्रशिक्षण कार्यक्रमों के माध्यम से उनमें कौशल विकास, कृृषि और गैर कृृषि क्षेत्र में प्रशिक्षण के माध्यम से स्थाई रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने, युवाओं मेें तकनीकी प्रशिक्षण, मार्गदर्शन और दिशानिर्देशन के माध्यम से युवाआें में उद्यमियता विकास, युवाओं को रोजगार या स्वरोजगार के अवसर उपलब्ध कराकर समग्र विकास पर जोर दिया जा रहा है।

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