नई दिल्ली। एनईईटी में नकल रोकने को लेकर छात्राओं से उनके अंत:वस्त्र उतरवाने के मामले की देशभर में चर्चा रही। वहीं केरल विधानसभा में यह मामला गंूजा। स्थिति को भांपते हुए मामले में चार शिक्षिकाओं को निलंबित कर दिया गया तो सीबीईएसी ने इस घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताया। गौरतलब है कि रविवार 7 मई को देशभर में एनईईटी की परीक्षा आयोजित हुई थी। इस परीक्षा में कन्नूर के एक परीक्षा केन्द्र पर एक छात्रा के अंत:वस्त्र उतरवाए लिए गए तो एक छात्रा को उसकी जींस पर धातु के बटन लगे होने के कारण एनवक्त पर कपड़े बदलने पड़े। यह प्रकरण जब मीडिया की सुर्खिया बना तो मामले ने तूल पकड़ लिया। देशभर में इस घटना की निंदा की गई। केरल विधानसभा में तो मामला पूरजोर तरीके से उठाया गया। पक्ष और विपक्ष दोनों ने इस घटना की निंदा की। सीएम पिनाराई विजयन ने कहा कि मामले में केन्द्र से बात की जाएगी। साथ ही पुलिस से मामले की जांच कराई जाएगी। सीएम ने फेसबुक पर लिखा कि ड्रेस कोड को लेकर इस तरह के बयान जबरन लागू करना किसी भी सभ्य समाज के लिए स्वीकार करने योग्य नहीं होगा। वहीं केरल के बाल अधिकार आयोग ने सीबीएसई के खिलाफ प्रकरण दर्ज कर 10 दिन में जवाब तलब किया है। स्थिति को भांपते हुए मामले की जांच लंबित रहने तक कन्नूर स्थित एक परीक्षा केन्द्र की 4 शिक्षिकाओं को निलंबित कर दिया।

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