जयपुर. विधानसभा में शुक्रवार को सांवलियाजी और नाथद्वारा मंदिर संशोधन विधेयक पर बहस के दौरान देवस्थान और उद्योग मंत्री शकुंतला रावत ने सीएम अशोक गहलोत की तुलना भगवान से कर दी। इस पर विपक्ष ने कड़ी आपत्ति जताते हुए हंगामा कर दिया। रावत ने कहा मैं ईश्वरत की बात कर रही हूं और आप उछल रहे हैं। जब आदमी की आंख में आंसू आता है तो या तो ईश्वर पोंछता है या कांग्रेस सरकार के मुख्यमंत्री गहलोत ने पोंछने का काम किया। उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने इस पर आपत्ति जताते हुए कहा कि मुख्यमंत्री ईश्वर कैसे हो सकते हैं, यह तुलना गलत है, इसे कार्यवाही से निकाला जाए। कांग्रेस विधायकों ने इस पर कड़ा ऐतराज जताया। बीजेपी और कांग्रेस विधायकों के बीच नोक-झोंक हुई, इससे हंगामे के हालात बन गए। इससे पहले सदन में हनुमान चालीसा की गूंज सुनाई दी। हिंदू धर्म की परिभाषा को लेकर मंत्री ममता भूपेश और राठौड़ के बीच जमकर नोक-झोंक हुई। उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने कांग्रेस की ओर से राम की आस्था पर सवाल उठाने का आरोप लगाया तो महिला बाल विकास मंत्री ममता भूपेश ने सदन में जय सियाराम के नारे लगाए। उपनेता प्रतिपक्ष और राजस्व मंत्री ने हनुमान चालीसा सुनाई। मंत्री ममता भूपेश ने राजेंद्र राठौड़ से कहा सांवलियाजी और नाथद्वारा मंदिर के दोनों बिलों पर तो बोलिए, दोनों बहुत महत्वपूर्ण बिल हैं। आप जैसे विद्वान व्यक्ति से ही उम्मीद करते हैं कि कम से कम इस पर तो बोलिए। राठौड़ ने कहा मैं हर साल सांवलिया सेठ के दर्शन करने जाता हूं, नाथद्वारा भी जाता हूं। मैं आपकी तरह नास्तिक नहीं हूं, आस्तिक हूं। ममता भूपेश ने नास्तिक करने पर आपत्ति जताते हुए कहा इसे डिलीट किया जाना चाहिए, मुझे किस आधार पर नास्तिक बोला। राठौड़ ने कहा कि आप नास्तिक हो। भूपेश ने कहा कि मैं मेहंदीपुर बालाजी का तिलक माथे पर लगाकर आई हूं, मुझे नास्तिक कैसे बोला, मैं इनके जैसे दिखावे वाली आस्तिक नहीं हूं। बाद में सभापति ने सदन की कार्यवाही से इसे हटाने को कहा। शिक्षा मंत्री बीडी कल्ला ने कहा आप सुना दीजिए और मैं भी सुना देता हूं। राठौड़ ने कल्ला से कहा कि आप तो सब जानते हैं। इसी बीच राजस्व मंत्री रामलाल जाट भी खड़े हुए और हनुमान चालीसा सुनाने लगे। सदन में धर्म और हिंदू की परिभाषा को लेकर मंत्री बीडी कल्ला की बीजेपी विधायकों से बहस हुई।

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