ED in protest against bail of LIC agent in Virbhadra PMLA case

नयी दिल्ली। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने आज एक स्थानीय अदालत में कथित धनशोधन के मामले में गिरफ्तार एलआईसी एजेंट आनंद चौहान की जमानत अर्जी का यह कहकर विरोध किया कि उनके खिलाफ गंभीर आरोप हैं। इस मामले में हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह भी कथित तौर पर शामिल हैं जबकि चौहान के खिलाफ आरोप-पत्र दायर किया जा चुका है। ईडी ने विशेष जज संतोष स्नेही मान से कहा कि इस मामले में जांच अभी निर्णायक चरण में है और यदि चौहान को राहत दे दी गई तो वह सबूतों से छेड़छाड़ कर सकता है और न्याय प्रक्रिया से भाग सकता है । चौहान को पिछले साल नौ जुलाई को गिरफ्तार किया गया था । ईडी की तरफ से पेश हुए विशेष लोक अभियोजक एन के माटा ने कहा कि मामले की जांच चल रही है और एजेंसी एक महीने में अनुपूरक आरोप-पत्र दायर कर सकती है । चौहान के वकील ने आरोप लगाया कि एजेंसी अन्य आरोपियों के खिलाफ ‘‘बड़े इत्मीनान से’’ जांच कर रही है जबकि वह पिछले साल नौ जुलाई से ही हिरासत में है ।

एलआईसी एजेंट चौहान की तरफ से पेश हुई वरिष्ठ वकील रेबेका जॉन ने कहा, ‘‘वीरभद्र सिंह और उनकी पत्नी प्रतिभा सिंह सहित मुख्य आरोपियों के खिलाफ अब तक आरोप-पत्र दायर नहीं किया गया जबकि वे (ईडी) इतने महीने बाद भी मेरी जमानत का विरोध करते हैं ।’’ रेबेका ने कहा कि जिन अन्य आरोपियों के खिलाफ आरोप-पत्र दायर किए जा चुके हैं, उन सभी को अदालत जमानत दे चुकी है । उन्होंने कहा, ‘‘आप एक शख्स को हिरासत में रखते हैं और अन्य के खिलाफ बड़े इत्मीनान से जांच करते हैं ।’’ अदालत ने चौहान की अर्जी पर फैसला सुरक्षित रख लिया है और आदेश 23 दिसंबर को सुनाया जाएगा।

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