effective prevention
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जयपुर। गृहमंत्री गुलाबचंद कटारिया ने कहा है कि गृह विभाग और राजस्थान पुलिस द्वारा किए गए विशेष प्रयासों के परिणाम स्वरुप गत 4 वर्षों में अपराधों में निरंतर कमी आई है । उन्होंने बताया कि वर्ष 2013 की तुलना में कुल अपराधों में 13.4 प्रतिशत की कमी आई हैं । महिलाओं के प्रति अपराध में 20.4 प्रतिशत और अनुसूचित जाति वर्ग के प्रति अपराधों में लगभग 42 प्रतिशत की कमी आई है। कटारिया पुलिस मुख्यालय में आयोजित मासिक समीक्षा बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। । उन्होंने बताया कि प्रदेश में सड़क दुर्घटनाओं में भी निरंतर कमी आ रही है । उन्होंने बताया कि वर्ष 2009 से 13 तक पुलिस विभाग का कुल बजट 13 हजार 3 करोड़ रुपये का था । इसे बढ़ाकर वर्ष 2014 से वर्ष 2018 तक कुल 24 हजार 276 रुपये का किया गया । इन 5 वर्षों में पुलिस बजट की राशि बढ़ने से पुलिस के आधारभूत ढांचे के सुदृढ़ीकरण में मदद मिली है

गृह मंत्री ने बताया कि प्रदेश में 3 नई आरएसी बटालियन की स्थापना एक उल्लेखनीय उपलब्धि है । आरएसी की 14 वी बटालियन, महाराणा प्रताप बटालियन और मेवाड़ भील कोर की स्थापना से और ज्यादा सुदृढ़ीकरण हुआ है । उन्होंने बताया कि प्रदेश में गुमशुदा बच्चों और भिक्षावृत्ति में लिप्त बच्चों को मुक्त कराने के लिए विशेष अभियान चलाकर लगभग 5000 बच्चों को मुक्त कराने में सफलता मिली है ।
कटारिया ने मात्र 125 दिन में पुलिस कॉन्स्टेबल भर्ती प्रक्रिया पूर्ण करने के लिए पुलिस प्रशासन की सराहना की। अब परीक्षा परिणाम अंतिम चरण में है । उन्होंने बताया कि पुलिसकर्मियों को प्रशिक्षण संस्थानों से समन्वय कर संबंधित प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है । गत 5 वर्षों में कुल 80 हजार पुलिसकर्मियों को प्रशिक्षण प्रदान किया जा चुका है। पुलिस के रिक्त पदों को भरने के साथ ही पदोन्नति पर विशेष ध्यान दिया गया है और गत साढ़े 4 वर्षों में कुल 20 हजार पदोन्नति की जा चुकी है। इनमें 6 हजार कॉन्स्टेबल को हेड कांस्टेबल के रूप में पदोन्नत किया गया है । साथ ही 237 कोएडिशनल एसपी के रूप में 3 हजार 124 को हेड कांस्टेबल से सहायक उप निरीक्षक, सहायक उपनिरीक्षक से निरीक्षक और उपनिरीक्षक से निरीक्षक के पद पर पदोन्नति दी गई है।

गृह मंत्री ने बताया कि राजस्थान पुलिस के खिलाड़ियों ने राज्य, राष्ट्र और अंतरराष्ट्रीय स्तर की खेल प्रतिस्पर्धाओ में उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल की हैऔर अनेक मेडल प्राप्त किए हैं । उन्होंने बताया कि प्रदेश में एनडीआरएफ की तर्ज पर एसडीआरएफ का सशक्तिकरण किया गया है ।

इसके लिए 200 से अधिक कमियों को गहन प्रशिक्षण देने के साथ ही 8 करोड रुपए की राशि के उपकरण उपलब्ध कराए गए हैं। उन्होंने बताया कि प्रदेश के 80 हजार से अधिक पुलिसकर्मियों को सीसीटीएनएस के तहत प्रशिक्षण प्रदान किया गया है। प्रदेश में सभी संभागीय मुख्यालयों पर अभय कमांड एवं कंट्रोल सेंटर स्थापित करने के साथ ही सीसीटीवी निगरानी तंत्र को भी विकसित किया गया है। उन्होंने बताया कि सरदार पटेल ग्लोबल सेंटर फॉर सिक्योरिटी काउंटर टेररिज्म एवं एनटी इंनसरजेंसी के लिए केंद्र से 165 करोड रुपए एवं राज्य से 110 करोड़ सहित कुल 275 करोड रुपए की राशि उपलब्ध कराई गई है। पुलिस को आधुनिक उपकरणों से सुसज्जित करने के लिए बुलेट प्रूफ जैकेट, नए हथियार, ड्रोन, 138 करोड रुपए से 4045 नए उपकरण, हेलमेट मय कैमरा आदि उपलब्ध कराने के साथ ही डॉग स्क्वायड को सुदृढ़ किया गया । साथ ही 185 महिला पेट्रोलिंग यूनिट भी स्थापित की गई।
कटारिया ने बताया कि राज्य सरकार ने पुलिस कल्याण को विशेष प्राथमिकता दी है । इसके लिए मेस भत्ते में अप्रत्याशित वृद्धि करने के साथ ही वेलफेयर फंड व स्पोट्र्स फंड में वृद्धि की गई है । पुलिस जवाबदेही समितियों का गठन किया गया है एवं सीएलजी समूह का समयबद्ध नवीनीकरण किया जा रहा है । प्रत्येक थाने पर कांस्टेबल से निरीक्षक पद तक 5 वर्ष से अधिक पद स्थापन नही करने की भी नीति बनाई गई है ।

गृह मंत्री ने बताया कि गृह मंत्री स्तर पर नियमित रूप से समीक्षा व जनसुनवाई करने के साथ ही अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक स्तर पर जिला स्तरीय समीक्षा बैठकें, राज्य एवं प्रत्येक जिले में प्रतिदिन जनसुनवाई की व्यवस्था सुनिश्चित की गई है। उन्होंने बताया कि थानों के नियमित निरीक्षण कराने पर विशेष ध्यान देने से पुलिस थानों की स्थितियों में भी निरंतर सुधार हुआ है।
मासिक समीक्षा बैठक में अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह शैलेन्द्र अग्रवाल तथा पुलिस महानिदेशक ओ पी गल्होत्रा सहित वरिष्ठ पुलिस अधिकारी गण मौजूद थे।

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