Constable death case
जयपुर। राजस्थान हाईकोर्ट ने हैड कॉन्सटेबल के लिए आयोजित पदोन्नति दौड़ में हार्ट अटैक से हुई कॉन्सटेबल की मौत के मामले में क्षतिपूर्ति को लेकर 11 दिसंबर तक अदालती आदेश की पालना के आदेश दिए हैं। ऐसा नहीं करने पर अदालत ने प्रमुख गृह सचिव, पेंशन निदेशक, आरपीए निदेशक और प्रमुख गृह सचिव को पेश होने के आदेश दिए हैं।
न्यायाधीश मनीष भंडारी की एकलपीठ ने यह आदेश रामेश्वरी देवी की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए।
मामले के अनुसार याचिकाकर्ता का पति रामजीलाल कॉन्सटेबल के तौर पर कार्यरत था। वर्ष 2014 में हैड कॉन्सटेबल पद के लिए आयोजित पदोन्नति दौड़ के दौरान रामजी लाल की हार्ट अटैक से मौत हो गई। इसके चलते विभाग ने सामान्य मौत मानते हुए अस्सी हजार रुपए और सामान्य पेंशन के आदेश दिए।
इसके खिलाफ याचिका दायर करने पर एकलपीठ ने गत 31 मई को आदेश जारी कर बीस लाख रुपए क्षतिपूर्ति और विशेष पेंशन देने के आदेश दिए। इस आदेश के खिलाफ राज्य सरकार की ओर से खंडपीठ में अपील दायर की गई। जिसे खंडपीठ ने खारिज कर दिया। इस पर याचिकाकर्ता की ओर से अदालत में अवमानना याचिका दायर की गई। जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने 11 दिसंबर तक आदेश की पालना नहीं करने पर संबंधित अफसरों को हाजिर होने के आदेश दिए हैं।

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