Ashok Gehlot, Nitin Gadkari
Ashok Gehlot, Nitin Gadkari

नई दिल्ली. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने नई दिल्ली में केन्द्रीय सड़क परिवहन एवं राष्ट्रीय राजमार्ग और जल संसाधनए नदी विकास एवं गंगा पुर्नरूद्धार मंत्री नितिन गडकरी से मुलाकात कर केन्द्र के पास लम्बित प्रदेश की सड़क एवं जल संसाधन परियोजनाओं को समय पर पूरा करवाने के लिये विशेष केन्द्रीय सहायता और यमुना एवं नर्मदा जल परियोजनाओं में राजस्थान को अपने हिस्से का पूरा पानी दिलवाने के लिए केन्द्र सरकार से हस्तक्षेप करने का आग्रह किया।

गहलोत ने केन्द्रीय मंत्री को बताया कि राजस्थान को यमुना जल समझोते के 24 वर्ष पश्चात् भी ताजे वाला हैड से जल प्राप्त नही हो रहा है। इस संबध मे भूमिगत पाईप लाईन द्वारा राजस्थान में पानी लाने के लिये वर्ष 2017 मे एमण्ओण्यूण् पर सहमति के लिये हरियाणा सरकार को प्रस्ताव भेजा गया हैए लेकिन हरियाणा सरकार द्वारा इस पर हस्ताक्षर नही किये जा रहे है। उन्होनें रेगिस्तान प्रधान राजस्थान में जल की कमी के मद्देनजर केन्द्र सरकार से इस मामले में हस्तक्षेप करने और प्रदेश को अपने हिस्से का पूरा पानी दिलवाने का अनुरोध किया। मुख्ममंत्री ने बताया कि हरियाणा व उत्तर प्रदेश में पानी के अवेध दोहन के कारण राजस्थान को ओखला हैड से आांवटित यमुना जल का लगभग 40 प्रतिशत जल ही प्राप्त हो रहा है। मुख्यमंत्री ने नर्मदा जल परियोजना मे जल की कम आपूर्ति का मुद्दा भी उठाया और बताया कि वर्तमान में राजस्थान के जालोर और बाडमेर जिलों के 2ण्46 लाख हेक्टेयर क्षेत्र मे रबी की फसल खडी हुई है जिसके लिये गुजरात से मिल रहा 1 हजार क्यूसेक जल पर्याप्त नही है। जल की कम आपूर्ति के कारण राज्य के किसानों में अंसतोष हो रहा है। उन्होने एसण्एसण्आरण्सीण् की मिटिंग में तय की गई जल आपूर्ति के अनुरूप राजस्थान को पानी दिलवाने के निर्देश जारी करने का अनुरोध भी किया। इंसेंटिवाइजेसन स्कीम फॉर ब्रिजिंग इरीगेशन गेप ;आईण्एसण्बीण्आईण्जीण्द्ध योजना की चर्चा करते हुए गहलोत ने बताया कि राजस्थान में भारत सरकार के सिंचित क्षेत्र विकास एवं जल प्रबंधन कार्यक्रम ; सीण्एण्डीण्डब्ल्यूण्एमण्द्ध के अंतर्गत केंद्रीय सहायता से चल रही सात परियोजनाओ को अप्रैल 2017 से बन्द कर दिया गया है तथा इसके स्थान पर इंसेंटिवाइजेसन स्कीम फॉर ब्रिजिंग इरीगेशन गेप योजना प्रस्तावित की गई है परन्तु केन्द्र सरकार द्वारा योजना के क्रियान्वयन हेतु अभी दिशा निर्देश प्राप्त नही हुए है जिसकी वजह किसानों का सिंचाई का वंाछित लाभ नही मिल पा रहा है।

गहलोत ने बताया कि इस योजना के अन्तर्गत पूर्व में संचालित सात परियोजनाओं मे शेष बचे 6 लाख 83 हजार 656 हेक्टेयेर कमांड क्षेत्र तथा राज्य सरकार द्वारा प्रस्तावित आठ नवीन योजनाओं के 3 लाख 5 हजार 862 हेक्टेयर कमांड क्षेत्र के लिये 6184 करोड रूपये केन्द्र सरकार की मंजूरी के लिये लंबित हैै। उन्होने कहा कि राज्य के दस जिलों के 9 लाख 89 हजार हेक्टेयर सिंचित क्षेत्र को लाभान्वित करने वाली इन परियोजनाओ केा शीघ्र मंजूरी प्रदान कर केन्द्रीय सहायता जारी करवाई जाये।
उन्होने एण्आईण्वीण्पी योजना के अन्तर्गत राजस्थान के नर्मदा नहर परियोजना एवं गंग नहर के आधुनिककरण के लिये करीब 196 करोड़ रूपये के केन्द्रीय सहायता की राशि शीघ्र जारी करवाने का अनुरोध किया। मुलाकात के दौरान गहलोत ने केन्द्रीय मंत्री के समक्ष दिल्ली.जयपुर एक्सप्रेसवे और जयपुर.दिल्ली एनण्एच. 48 को छः लेन बनाने के कार्य शीघ्र पूरे करने की मांग भी रखी और बताया कि केन्द्र सरकार की बजट घोषणा के अनुसार दिल्ली .जयपुर एक्सप्रेसवे के निर्माण की वास्तविक क्रियान्वति अभी तक नही हुई है। इसी प्रकार जयपुर.दिल्ली एनण्एचण्.48 को छः लेन बनाने की परियोजना मे शामिल फलाईओवरए वाहन एवं पदयात्री अण्डरपास और पूलो का निर्माण अब तक भी पूर्ण नही हुआ है। साथ ही इस परियोजना के अर्न्तगत स्थित तीन टोल प्लाजा का विस्तार अधुरा रहने और इस सडक मार्ग का रख.रखाव संतोषप्रद नही रहने के कारण आम लोगो को बहुत ही असुविधाओं का सामना करना पड रहा है।
गहलोत ने सीण्आरण्एफण् एवं राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं के लिये केन्द्र के पास लम्बित राज्य के प्रस्तावो की प्रशासनिक एवं वित्तीय स्वीकृतियां जारी करवाने और स्वीकृत राष्ट्रीय राजमार्गो का गजट नोटिफिकेशन जारी करवाने का आग्रह भी किया।

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