Three died

नई दिल्ली । दिल्ली के द्वारका कोर्ट में मोटर ऐक्सिडेंट क्लेम ट्राइब्यूनल (एमएसीटी) ने सड़क दुर्घटना में 80 फीसदी शारीरिक अपंगता का शिकार हुए एक व्यक्ति को 67 लाख से ज्यादा का मुआवजा दिलाया है। प्रिसाइडिंग ऑफिसर जितेंद्र मिश्रा ने जनकपुरी स्थित चोलामंडलम जनरल इंश्योरेंस कंपनी को निर्देश दिया कि वह पीड़ित को मुआवजे के तौर पर 67,18,860 रुपये का भुगतान करे। इसी कंपनी ने ऐक्सिडेंट में शामिल ट्रक का इंश्योरेंस कवर किया हुआ था।

ट्राइब्यूनल ने राज नगर निवासी अशोक कुमार शर्मा की याचिका पर यह आदेश सुनाया। शर्मा ने मोटर वीइकल ऐक्ट के प्रावधानों के तहत याचिका दायर की और अदालत से मुआवजा दिलाए जाने की गुहार लगाई। उन्होंने कहा कि घटना 1 मार्च 2014 को उस वक्त हुई वह काम से राजस्थान गए थे। वहां भूमिया घाटी के पास पहुंचते ही लापरवाही से चलाए जा रहे एक ट्रक ने उन्हें जोर से टक्कर मार दी। इससे वह गंभीर रूप से घायल हो गए और उनके शरीर के दाहिने हिस्से में नीचे की ओर 80 फीसदी अपंगता आ गई। उन्हें ठीक होने में ही छह महीने से अधिक का समय लगा। याचिकाकर्ता के वकील ने ट्राइब्यूनल को बताया कि ऐक्सिडेंट के वक्त शर्मा बिजनेस मटीरियल की सप्लाई से जुड़ा अपना बिजनस करते थे और उस काम से वह महीने में 32 हजार रुपये तक कमा लेते थे।

ट्राइब्यूनल ने अपने आदेश में कहा कि इसमें शक की कोई गुंजाइश नहीं कि याचिकाकर्ता को गंभीर चोटें आईं और डिस्एबिलिटी सर्टिफिकेट के मुताबिक वह अपने शरीर के दाहिने हिस्से में नीचे की ओर से 80 फीसदी अपंगता का शिकार हो गए हैं। उन्होंने इस ऐक्सिडेंट की वजह से जो कष्ट सहा, उसकी भरपाई पैसों से करना संभव नहीं। मामले में सिर्फ इंश्योरेंस कंपनी ने लिखित में जवाब दिया। उसने दावे का खंडन किया, हालांकि यह माना कि ऐक्सिडेंट में शामिल ट्रक उसी के पास इंश्योर्ड था।

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