नई दिल्ली। नोटबंदी के बाद चलन से बाहर हो चुकी करेंसी को 31 मार्च तक बैंकों में जमा कराने के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने केन्द्र व आरबीआई को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है। प्रधान न्यायाधीश जगदीश सिंह खेहर के नेतृत्व में जस्टिस चंद्रचूड़ व जस्टिस एस.के. कौल वाली तीन सदस्यीय खंडपीठ ने एक याचिका को स्वीकार करते हुए केन्द्र व आरबीआई को नोटिस का जवाब शुक्रवार तक देने को कहा है। याचिका में आरोप लगाया गया कि वायदा करने के बाद अब लोगों को पुराने नोट जमा नहीं कराने दिए जा रहे हैं। याचिकाकर्ता शरद मिश्रा ने याचिका में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के 8 नंबवर के भाषण और फिर आरबीआई की अधिसूचना का हवाला दिया। जिसमें कहा गया था कि 31 दिसंबर 2016 के बाद भी प्रक्रिया के तहत औपचारिकता पूरी कर आरबीआई की शाखाओं में 31 मार्च 2017 तक बंद हो चुकी 500 और 1000 की पुरानी करेंसी जमा कराई जा सकती है। गौरतलब है कि रिजर्व बैंक ने अपने आखिरी नोटिफिकेशन में केवल उन लोगों को 31 मार्च 2017 तक पुरानी करेंसी जमा कराने की छुट दी जो किसी वजह से नोटबंदी के दौरान देश से बाहर थे। इस आधार पर याचिकाकर्ता ने केन्द्र व आरबीआई पर अपने वायदे से मुकरने का आरोप लगाया। इससे पहले भी विपक्ष समेत कई याचिकाकर्ताओं ने पुरानी करेंसी जमा करने पर पेनल्टी संबंधित प्रावधानों पर सवाल उठाए। नोटबंदी की घोषणा के समय 15.44 लाख करोड़ रुपए की प्रतिबंधित करेंसी बाजार में थी। इनमें 8.58 लाख करोड़ रुपए के 500 के नोट व 6.86 लाख करोड़ रुपए के एक हजार के नोट थे। बरहाल नोटिस जारी करने के बाद अब मामले में सुप्रीम कोर्ट 10 मार्च को सुनवाई करेगा।

-जनप्रहरी एक्सप्रेस की ताजातरीन खबरों से जुड़े रहने के लिए यहां लाइक करें।

LEAVE A REPLY