जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि देश की अर्थव्यवस्था मंदी के दौर से गुजर रही है। उद्योग-धंधे ठप पड़े हैं। अकेले ऑटो सेक्टर में 10 लाख नौकरियां चली गई हैं। भय एवं हिंसा के माहौल के कारण निवेश प्रभावित हुआ है। ऎसे में मंदी के इस दौर में केन्द्र सरकार का यह दायित्व है कि अर्थव्यवस्था में सुधार लाने के लिए प्रभावी कदम उठाए।
गहलोत शनिवार को यहां सीतापुरा में इण्डियन इंस्टि्यूट ऑफ जैम्स एण्ड ज्वैलरी (आईआईजीजे) के नए हॉस्टल का लोकार्पण करने के बाद समारोह को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होेंने कहा कि डॉ. मनमोहन सिंह सरकार के समय पूरे विश्व में मंदी का दौर था और इसका असर भारत पर भी पड़ा लेकिन उस समय सरकार ने प्रभावी कदम उठाए और देश की अर्थव्यवस्था को मजबूती से थामे रखा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज युवाओं के पास रोजगार नहीं है लेकिन हर साल 2 करोड़ रोजगार पैदा करने का वादा करने वाले अब इसका जिक्र नहीं करते। उन्होेंने कहा कि यूपीए सरकार ने ‘वन नेशन-वन टैक्स‘ की अवधारणा पर जीएसटी का खाका तैयार किया था। उस समय विपक्ष ने इसका लगातार विरोध किया था, लेकिन सरकार में आने के बाद उन्होंने ही बिना किसी फुलप्रुफ सिस्टम के जीएसटी लागू कर दिया और कई टैक्स स्लैब बना दी। इसका परिणाम यह है कि आज भी जीएसटी काउन्सिल को बार-बार टैक्स स्लैब में बदलाव करना पड़ रहा है और इससे व्यापारी वर्ग दुखी है।
गहलोत ने कहा कि देशभर में जीएसटी संग्रहण में कमी आई है। राज्यों पर भी इसका प्रतिकूल असर पड़ रहा है। राजस्थान के हिस्से के स्टेट ग्रांट की राशि मिलाकर 7 हजार करोड़ रूपये केन्द्र से नहीं मिल पाए हैं, जिससे विकास कार्य बाधित हो रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश मेें निवेश को बढ़ावा देने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। राजस्थान खनिज सम्पदा से भरपूर राज्य है। इस सम्पदा का उचित दोहन हो सके इस दिशा में कदम उठाए जा रहे हैं। देश के 40 प्रतिशत तेल का उत्पादन राजस्थान में होता है। प्रदेश में रिफाइनरी के कार्य में तेजी आई है। इसके बनने से राजस्थान में रोजगार के बड़े अवसर भी उपलब्ध हो सकेंगे। उन्होंने कहा कि सिंगल विण्डो सिस्टम को और प्रभावी बनाने पर कार्य किया जा रहा है और साथ ही निवेश एवं प्रोत्साहन नीति भी जल्द ही लाई जाएगी।
गहलोत ने कहा कि आजादी के बाद से ही देश में सरकारों ने लोकतंत्र को मजबूती देने का काम किया है। लोकतंत्र में आम जनता की भूमिका भी अहम है और इस देश की जनता ने समय-समय पर अपनी समझ का परिचय दिया है। उन्होेंने कहा कि लोकतंत्र में विपक्ष की भूमिका भी कम नहीं होती और हमेशा सरकारें विपक्ष को साथ लेकर चलती हैं, आज के दौर मेें वो माहौल नहीं है। लोकतंत्र में असहमति का भी स्थान होता है लेकिन आज सरकार की नीतियों एवं फैसलों पर असहमति में उठने वाली आवाज को दबाने के प्रयास हो रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने इण्डियन इंस्टि्यूट ऑफ जैम्स एण्ड ज्वैलरी के नए हॉस्टल की तारीफ करते हुए कहा कि भवन काफी सुंदर एवं व्यवस्थित है। छात्रावास की सुविधा मिलने से बाहर से आने वाले छात्र-छात्राओं को अच्छे माहौल में प्रशिक्षण मिलेगा। उन्होंने कहा कि जैम्स एवं ज्वैलरी सेक्टर को आगे बढ़ाने में राज्य सरकार हर संभव मदद करेगी। उन्होंने आह्वान किया कि जयपुर में जैम बूर्स बनाने के लिए जैम्स एण्ड ज्वैलरी सेक्टर से जुड़े कारोबारी आगे बढ़कर संसाधन जुटाने के प्रयास करें।
इससे पहले जैम्स एण्ड ज्वैलरी एक्सपोर्ट प्रमोशन काउन्सिल के अध्यक्ष श्री प्रमोद अग्रवाल ने काउन्सिल की गतिविधियों एवं जैम्स एण्ड ज्वैलरी सेक्टर की वर्तमान स्थिति पर प्रकाश डाला।कार्यक्रम में राज्य विधानसभा में उपमुख्य सचेतक श्री महेन्द्र चौधरी, आदर्श नगर विधायक श्री रफीक खान, अतिरिक्त मुख्य सचिव उद्योग श्री सुबोध अग्रवाल, रीको के एमडी श्री आशुतोष एटी पेडनेकर, आईआईजीजे के अध्यक्ष श्री राजीव जैन एवं ज्वैलर्स एसोसिएशन के पदाधिकारी उपस्थित थे।


































