नयी दिल्ली। सरकार ने अब यह निर्णय लिया है कि सेना के जवानों को जरूरत के हिसाब से ही तैनात किया जाएगा। सरकार ने यह फैसला लेफ्टिनेंट जनरल डी बी शेतकर सीमित की सिफारिश पर लिया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केन्द्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में सरकार ने सेना की कार्य प्रणाली में सुधारों और खर्चे में कमी को लेकर सुझाव देने वाली कमेटी की सिफारिशों को लेकर यह फैसला किया है। सरकार ने लेफ्टिनेंट जनरल डी बी शेतकर समिति की 99 में से 65 सिफारिशों को स्वीकार कर लिया है।

केन्द्रीय मंत्रिमंडल की बैठक के बाद रक्षा मंत्री अरुण जेटली ने प्रेस कॉन्फ्रेंस को बताया कि सेना की कार्य प्रणाली में सुधारों की दिशा में आजादी के बाद का सबसे बड़ा कदम उठाते हुए रक्षा मंत्रालय ने शेतकर समिति की 65 सिफारिशों को मंजूर कर लिया है। उन्होंने कहा कि कमेटी के प्रस्ताव को मंत्रिमंडल ने भी अपनी मंजूरी दे दी। रक्षा मंत्री ने इस बारे में सेना तथा अन्य संबंधित पक्षों के साथ विचार विमर्श के बाद स्वीकार किया है।
उन्होंने कहा कि ये सिफारिशें वर्ष 2019 के अंत तक पूरी तरह अमल में आ जाएंगी और इनके लागू होने से सेना के 57000 अधिकारियों, जे सीओ और जवानों को जरूरत के हिसाब से विभिन्न कार्यों के लिए तैनात किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इससे सेना की लड़ाकू क्षमता तो बढ़ेगी ही उसके खर्च में भी कमी आएगी। सैन्य डाक यूनिटों तथा सैन्य फार्मों को बंद कर इनमें तैनात जवानों और अधिकारियों को अन्य जरूरी काम के लिए तैनात किया जायेगा।

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